न्यूज़ डेस्क: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन समाप्त करने के बाद मंगलवार को एक बार फिर से जदयू नेता नीतीश कुमार, राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ राजभवन पहुंचे। जहां पर दोनों नेताओं ने राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। बिहार के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम में बशीर बद्र का शेर बिल्कुल सही साबित होता है। दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों…
एक ही कार में सवार हुए दोनों नेता
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक ही कार में सवार होकर राजभवन पहुंचे, जहां पर दोनों नेताओं ने राज्यपाल के समक्ष साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। आपको बता दें कि तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनके पास 160 विधायकों का समर्थन है। इससे पहले नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात कर अपनी इस्तीफा सौंपा था। उन्होंने कहा था कि दोनों सदनों के सांसद सारे विधायक और विधानपार्षद से सारी मीटिंग आज हुई। सभी की इच्छा यही थी की हमें एनडीए छोड़ देना चाहिए। तो जैसी सबकी इच्छा थी हमने उसी को स्वीकार कर लिया और जो में एनडीए की सरकार में मुख्यमंत्री था उस पद से इस्तीफा सौंप दिया।
नीतीश कुमार ने 2015 का विधानसभा चुनाव राजद के साथ मिलकर लड़ा था और राजद-जदयू गठबंधन को जीत मिलने के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री लेकिन साल 2017 में नीतीश कुमार ने गठबंधन को समाप्त कर भाजपा से हाथ मिला लिया था। लेकिन इस बार नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़कर पुराने साथियों के पास वापस आए हैं। ऐसे में उन्होंने 2017 की घटना के लिए अफसोस जताते हुए तेजस्वी यादव से कहा कि आइए नई शुरुआत करते हैं। जो कुछ हुआ, उसे भूलकर हमें आगे बढ़ते हैं।