न्यूज़ डेस्क: झारखंड के दुमका में शाहरुख नामक एक युवक ने एकतरफा प्यार में असफल होने पर 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली 19 साल की युवती अमकिता को जिंदा जला कर मारने के मामले में लव जिहाद का एंगल सामने आया है। अंकिता के पिता ने कहा है कि कई साल से शाहरुख अंकिता पर शादी करने और धर्म परिवर्तन करने का दबाव बना रहा था।
शाहरुख अंकिता से जबरन फोन पर बात करने के लिए कहता था और शादी के मजबूर कर रहा था इतना ही नहीं उसने अंकिता को इस्लाम कबूल करो, नहीं तो मैं तुम्हारी जिंदगी नरक बना दूंगा ऐसी बात कही थी। इससे अंकिता काफी डरी-सहमी रहती थी। पीड़िता के पिता संजय सिंह का कहना है कि उनकी बेटी ने ऐसा करने से मना कर दिया जिस वजह से शाहरूख ने जान से मारने की धमकी दी और अंत में मेरी बेटी को निर्ममता से मार भी डाला।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मामले में प्रतिबंधित मुस्लिम छात्र संगठन पीएफआई के हाथ होने की आशंका जताई है। उन्होंने प्रदेश की वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी सरकार ने पीएफआई को बैन किया था जबकि इस सरकार ने उसे खुला छोड़ा हुआ है।
दुमका के एसडीओ महेश्वर महतो ने बताया कि युवती के मरने की सूचना दुमका पहुंचने पर वहां स्थिति तनावपूर्ण हो गई, वहां दोषी को फांसी देने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने जमकर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि विरोध प्रदर्शनों के बाद हालात को ध्यान में रखते हुए दुमका शहर में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
इस सिलसिले में गोड्डा से भाजपा सांसद डा. निशिकांत दूबे ने ट्वीट किया है, ‘काश दुमका की बेटी अंकिता को हमलोग शाहरुख जैसे दरिंदे से बचा पाते।’’ सांसद ने आगे दुमका के पुलिस उपाधीक्षक की भूमिका पर सवाल उठाते हुए लिखा है, ‘मुस्लिम पदाधिकारी नूर मुस्तफा का अपराधी का साथ देना देश के लिए घातक। संथालपरगना अपनी बेटी की हत्या के बाद उद्वेलित है।’