न्यूज़ डेस्क: भारत के 15वें राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए सोमवार को मतदान संपन्न हो गया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी सी मोदी ने बताया कि 16वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान, जिसकी शुरूआत आज (18 जुलाई 2022) सुबह 10 बजे संसद भवन और सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के निर्धारित स्थानों पर शुरू हुआ, शाम 5 बजे संपन्न हो गया। मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हुआ। उन्होंने कहा कि संसद में कुल 99.18 प्रतिशत मतदान किया गया है। राष्ट्रपति चुनाव में 736 मतदाताओं (727 सांसदों, नौ विधायकों) को संसद में मतदान के लिए अनुमति दी गई, 730 (721 सांसदों, 9 विधायकों) ने मतदान किया। पीसी मोदी ने कहा कि आज (सोमवार) शाम तक देश भर से संसद में मतपेटियां पहुंचेंगी। उन्होंने कहा कि सड़क और हवाई मार्ग से मत पेटियां दिल्ली पहुंचेंगी, उनके साथ सहायक निर्वाचन अधिकारी होंगे।
निर्वाचन आयोग ने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए देशभर में कुल 4,796 निर्वाचको में से 99 प्रतिशत से अधिक ने मतदान किया। निर्वाचन आयोग ने कहा कि 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में विधायकों ने शत-प्रतिशत मतदान किया। निर्वाचन आयोग ने कहा कि छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम, तमिलनाडु और पुडुचेरी में 100 प्रतिशत मतदान हुआ।
सूत्रों ने बताया है कि सनी देओल समेत छह सांसदों ने राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं किया। इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का मुकाबला विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से है। मतदान 10 बजे आरंभ हुआ और प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले मतदान किया। मतदान के दौरान सांसदों और विधायकों के लिए अलग-अलग रंग के मतपत्र दिए जा रहे हैं। सांसद जहां हरे रंग के मतपत्र से मतदान कर रहे हैं वहीं विधायक गुलाबी रंग के मतपत्र से मतदान कर रहे हैं। राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और दिल्ली तथा केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी सहित सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य होते हैं। कुल मिलाकर 4800 निर्वाचित सांसद और विधायक मतदान करने के पात्र हैं। राज्यसभा और लोकसभा या राज्यों की विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य निर्वाचक मंडल में शामिल होने के पात्र नहीं हैं, इसलिए, वे चुनाव में भाग लेने के हकदार नहीं होते।
इसी तरह, विधान परिषदों के सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदाता नहीं होते हैं। संसद भवन परिसर के पहले तल पर स्थित कक्ष संख्या 63 को मतदान केंद्र के रूप में परिवर्तित किया गया है। राज्यों की विधानसभाओं में भी साथ ही साथ मतदान हो रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विधानसभा में भी मतदान की प्रक्रिया जारी है। राष्ट्रपति चुनाव में गुप्त तरीके से मतदान होता है और राजनीतिक दल मतदान के संदर्भ में व्हिप नहीं जारी कर सकते। मतों की गिनती संसद भवन में होती है। आज हो रहे चुनाव के लिए डाले जाने वाले मतों की गणना 21 जुलाई को होगी। जम्मू कश्मीर में विधानसभा नहीं होने की वजह से इस बार सांसदों के मतों का मूल्य 708 से घटकर 700 हो गया है।