पिपरौली (ज्वाला निगम): पिपरौली कस्बे में चल रही शतचंडी महायज्ञ के अन्तर्गत श्रीमद् देवी भागवत कथा में मंगलवार को कथा व्यास मधुसूदनाचार्य ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। प्रसंग सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। कथा व्यास ने शिव विवाह का वर्णन करते हुए कहा कि पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में उनके घर में अवतरित होने का वरदान दिया। इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं। बेटी के बड़ी होने पर पर्वतराज को उसकी शादी की चिंता सताने लगी। कहा कि माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं। एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया।
उन्होंने कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बरात लेकर पहुंचे तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गए, लेकिन माता पार्वती ने खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार किया।
कथा व्यास द्वारा शुकदेव जी महाराज की विवाह का भी प्रसंग सुनाया गया।
इस अवसर पर मीरचंद्र निगम, संतोष निगम, राजेश, उमेश, ललिता देवी सुमित्रा देवी, रेखा देवी आदि मौजूद रहे।
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