पिपरौली (ज्वाला निगम): सरकार जहाँ स्वच्छ जल पीने को बढ़ावा दे रही है तथा वही सरकारी भवनो पर लगे शुद्ध पेय जल का पानी पीने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है । वहीं खराब पड़ा इंडिया मार्का हैण्ड पम्प संक्रामक बीमारियों को दावत दे रहे हैं।
क्षेत्र के नेवास में लगा इंडिया टू मार्का हैंडपम्प है जो वर्षों से दूषित जल उगल रहा है जिसे पीने से अनेकों संक्रामक बीमारियों का खतरा बना हुआ है । विदित हो कि यहां आने वाले अधिकांश लोग उक्त हैण्डपम्प से पानी पीते है हैंडपंप वर्षों से दूषित जल उगल रहा है यहा तक की यहां आने वाले लोग दुषित जल का उपयोग अधिकांश लोग पीने मे करते है।
हैंड पंप वर्षों से खराब है। तथा कुछ सार्वजनिक जगहों पर इंडिया मार्का हैंड पंप पानी खराब आ रहा है। पर इस में जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी लोगों पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है।
जहां अपनी जरुरत के लिए आने वालो को दूषित जल ही पीने को बिबस होना पडता है।नेवास के मंदिर परिसर मैं लगा हैंडपंप भी खराब है। बगल में ही खानीपुर इंटर कालेज में पढ़ने वाले करीब 300 बच्चे इसी रास्ते जाते हैं। इस रास्ते पर जलापूर्ति के लिए एक ही इंडिया मार्का हैंड पंप है वह भी वर्षों से खराब व दूषित जल दे रहा हैं।
इसी तरह क्षेत्र के पिपरौली, मल्हीपुर, धरमौली, बाँसपार, खरैला सहित करीब दर्जनों गावों में भी इंडिया मार्का हैण्डपम्प या तो खराब है या फिर दूषित जल दे रहा है।
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डाक्टर वीके सुमन का कहना है कि प्रदूषित जल पीने से ही नहीं उससे धुले बर्तन से भी संक्रमण खतरा बना रहता है, संक्रमण में अनेक प्रकार के रोग मानव जीवन को खतरे में डाल सकते हैं। इसमें उल्टी दस्त लिवर इंफेक्शन सहित अनेक प्रकार के संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। शुद्ध पेयजल करीब 200 फीट नल का बोर होना अति आवश्यक है,फिर भी इन हैंडपंपों का पानी पीने से पहले पानी को उबालकर पीने से काफी हद तक इन बीमारियों से बचा जा सकता है।
एसडीएम सहजनवा सुरेश कुमार राय का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है जांच उपरांत कार्यदाई संस्था पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है जल्द ही खराब व प्रदूषित पानी दे रहे इंडिया मार्का हैंडपंपों का ठीक कराया जाएगा।