दिल्ली :भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर आज पूरे उत्तर प्रदेश में संसद में पारित किये गये तीन कृषि बिलों के विरोध में जिला मुख्यालयों पर धरना/प्रदर्शन का ज्ञापन दिया। इसी क्रम में मुजफ्फरनगर जिलाधिकारी कार्यालय पर धरने को सम्बोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ0 राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार बहुमत के नशे में चूर है। देश की संसद के इतिहास में पहली दुर्भाग्यपूर्ण घटना है कि अन्नदाता से जुड़े तीन कृषि विधेयकों को पारित करते समय न तो कोई चर्चा की और न ही इस पर किसी सांसद को सवाल करने का सवाल करने का अधिकार दिया गया। यह भारत के लोकतन्त्र के अध्याय में काला दिन है। अगर देश के सांसदों को सवाल पूछने का अधिकार नहीं है तो मोदी जी देश के लिए महामारी के समय नई संसद बनाकर जनता की कमाई का 900 करोड रूपया क्यों बर्बाद कर रहे हैं। आज देश की सरकार पीछे के रास्ते से किसानों के समर्थन मूल्य का अधिकार छीनना चाहती है। जिससे देश का किसान बर्बाद हो जायेगा। मण्डी के बाहर खरीद पर कोई शुल्क न होने से देश की मण्डी व्यवस्था समाप्त हो जायेगी। सरकार धीरे-धीरे फसल खरीदी से हाथ खींच लेगी। किसान को बाजार के हवाले छोड़कर देश की खेती को मजबूत नहीं किया जा सकता। इसके परिणाम पूर्व में भी विश्व व्यापार संगठन के रूप में मिले हैं। भारतीय किसान यूनियन इस हक की लडाई को मजबूती के साथ लडेगी। सरकार अगर हठधर्मिता पर अड़िग है तो किसान भी पीछे हटने वाला नहीं है। 25 तारीख को पूरे देश का किसान इन बिलों के विरोध में सड़क पर उतरेगा। जब तक कोई समझौता नहीं होगा तब तक पूरे देश का किसान सड़कों पर रहेगा। इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर को सौंपा गया। जिसमें हजारों किसान शामिल हुए।
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