न्यूज़ डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के संवैधानिक वैधता को बरकरार रखने वाला फैसला सुनाया। जस्टिस ए. एम. खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी जस्टिस सी. टी. रविकुमार की पीठ ने इस कानून को चुनौती देने वाली 241 याचिकाओं की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने आरोपी की गिरफ्तारी, तलाशी, कुर्की जब्ती अधिकार समेत कई प्रावधानों को उचित ठहराया है।
न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि यदि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गिरफ्तारी के समय उसके आधार का खुलासा करता है तो यह पर्याप्त है। शीर्ष अदालत ने पीएमएलए के कुछ प्रावधानों की व्याख्या से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया।