न्यूज़ डेस्क: पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को लेकर पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा के दावे के बाद बवाल जारी है. भारतीय जनता पार्टी के ताजा हमलों के मद्देनजर पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने शुक्रवार को दोहराया कि वह पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को नहीं जानते और न ही उन्हें कभी किसी सम्मेलन में आमंत्रित किया था.
मिर्जा ने दावा किया था कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के शासनकाल में उन्होंने पांच बार भारत का दौरा किया था और इस दौरान यहां जुटाई गई संवेदनशील सूचनाएं अपने देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई को उपलब्ध कराई थीं.
मिर्जा ने कथित तौर पर टिप्पणी की थी कि वह अंसारी के निमंत्रण पर भारत आए थे और उनसे मुलाकात भी की थी. हालांकि, अंसारी ने उनके दावों को ‘असत्य एवं निराधार’ करार देते हुए उन्हें खारिज कर दिया था.
भाजपा ने शुक्रवार को इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर हमले तेज कर दिए. पार्टी ने अंसारी और मिर्जा की एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें दोनों 2009 में आतंकवाद पर भारत में आयोजित एक सम्मेलन में कथित तौर पर मंच साझा करते हुए नजर आ रहे हैं.
अंसारी के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा, “भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति अपने इस बयान पर कायम हैं कि वह पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को नहीं जानते और न ही उन्हें कभी किसी सम्मेलन में आमंत्रित किया था. इसमें नुसरत मिर्जा द्वारा उल्लिखित 2010 के सम्मेलन से लेकर 2009 में आतंकवाद पर आयोजित सम्मेलन या कोई अन्य कार्यक्रम शामिल है.”
अंसारी ने कुछ दिन पहले मिर्जा को आमंत्रित करने के भाजपा के दावे का खंडन करते हुए कहा था कि यह एक ज्ञात तथ्य है कि भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा विदेशी हस्तियों को निमंत्रण सरकार के परामर्श पर भेजा जाता है, आमतौर पर विदेश मंत्रालय के माध्यम से.’
पाकिस्तान में मिर्जा द्वारा दिए गए एक साक्षात्कार के वीडियो क्लिप पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे हैं, जिनमें वह यह कहते नजर आ रहे है कि उन्होंने भारत में आतंकवाद पर आयोजित एक सम्मेलन में हिस्सा लिया था, जिसे अंसारी ने भी संबोधित किया था.
मिर्जा ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) को कई गोपनीय एवं खुफिया सूचनाएं उपलब्ध कराई थीं.