न्यूज़ डेस्क: हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जनसंख्या के मुद्दे पर बात करते हुए कहा, हमें चीन की गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए. मैं ऐसे किसी भी कानून का समर्थन नहीं करूंगा, जो 2 बच्चों के लिए केवल नीति को अनिवार्य करे, क्योंकि इससे देश को कोई लाभ नहीं होगा. भारत की कुल प्रजनन दर घट रही है, 2030 तक यह स्थिर हो जाएगी.
असदुद्दीन ओवैसी ने जनसंख्या पर कही ये बात
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, आप संसद में जो बोलते हैं, उसमें संदर्भ महत्वपूर्ण है. आप केवल शब्दों को असंसदीय नहीं कह सकते. क्या यह असंसदीय नहीं है कि स्पीकर पीएम के पीछे बैठे (कांस्य राष्ट्रीय प्रतीक के उद्घाटन के दौरान)? उन्होंने आगे कहा, भारत की 50% आबादी 25 वर्ष से कम उर्म के युवाओं की है, उनके लिए मोदी सरकार ने क्या किया? बेरोजगारी इस देश का ज्वलंत मसला है. (धर्म) परिवर्तन से भारत का क्या ताल्लुक? भारत का कोई धर्म है? RSS चाहती है कि भारत का एक धर्म हो.
दो बच्चों के मानदंड का नहीं करुंगा समर्थन
ओवैसी ने कहा, अगर भारत सरकार दो बच्चों का मानदंड का बिल लाएगी, तो मैं उसका बिलकुल समर्थन नहीं करुंगा. क्योंकि यह भारत के बिलकुल हक में नहीं होगा. उन्होंने कहा, असंसदीय भाषा अहम नहीं है वह किस संदर्भ कहा गया है वह महत्वपूर्ण है. अगर में संसद में बोलूं कि ‘मैं मोदी सरकार पर फूल फेंक कर मारुंगा क्योंकि उन्होंने देश के नौजवानों को बेरोज़गार बना दिया’ तो क्या वे ‘फूल’ को असंसदीय घोषित कर देंगे?
योगी ने कही थी ये बात
आपको बता दें कि बीते दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ ने बढ़ती जनसंख्या पर बात करते हुए कहा था कि देश में जनसंख्या “असंतुलन” अराजकता का कारण बन सकती है. जिसके बाद बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया, ”ऐसे समय में जब आसमान छूती महंगाई, अति गरीबी और बढ़ती बेरोजगारी के अभिशाप से परिवारों का जीवन दुखी, त्रस्त और तनावपूर्ण है. तब जनसंख्या नियंत्रण जैसे दीर्घकालीन विषय पर लोगों को उलझाना भाजपा की कौन सी समझदारी है?”