न्यूज़ डेस्क: केंद्र सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 75वें स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त को देश भर में घर-घर तिरंगा फहराने का अभियान शुरू किया है। इसका मकसद तिरंगे से आधिकारिक की बजाए व्यक्तिगत जुड़ाव बनाना है। कुछ दिन पहले किए गए झंडा नियमों में बदलाव को इसी से जोडक़र देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2021 को 75वें स्वतंत्रता दिवस को समर्पित 75 सप्ताह का ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम साबरमती से शुरू किया था। इसके तहत 48000 से ज्यादा कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। 55 मंत्री इसके लिए लगाए गए हैं, जो इन कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं। इसी के तहत अब 13 से 15 अगस्त तक देशभर में ‘हर घर तिरंगा’ का लक्ष्य रखा गया है। भारतीय राष्ट्रध्वज को समर्पित इस अभियान को हर घर तक पहुंचाने के लिए जन जागरूकता शुरू की गई है। केंद्रीय सूचना प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा के साथ कार्यक्रम की जानकारी मीडिया से साझा करते हुए केंद्रीय संस्कृति सचिव गोविंद मोहन ने बताया कि देश के करीब 20 करोड़ घरों के ऊपर तिरंगा फहरा कर विश्व रिकॉर्ड कायम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों को तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित करने का अभियान चलाया जा रहा है। इस मुहिम के जरिए लोगों को राष्ट्रीयता से जोडऩे के साथ स्वतंत्र भारत के 75 साल की यात्रा से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि तिरंगा फहराने के बाद लोग सेल्फी लेकर डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटहरघरतिरंगाडॉटकॉम पर अपलोड कर सकेंगे।
सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि पॉलिएस्टर, सूती, ऊनी, सिल्क अथवा खादी कपड़े से बने तिरंगे को फहराने की पूरी छूट है। इसमें साइज के साथ ही मशीन से बने तिरंगे फहराने की भी छूट है। अब तिरंगा फहराने के समय को लेकर भी कोई बंदिश नहीं है। कोई भी व्यक्ति, निजी संस्थान अथवा शैक्षिक संस्था तिरंगा फहराने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि राज्यों से स्वयं सेवी संस्थाओं को इस अभियान से जोडऩे को कहा गया है। स्थानीय टेलर, छोटे-मझोले उद्योग भी झंडे बना सकते हैं। टेक्सटाइल मिनिस्ट्री ने भी तिरंगा बनाने वाले उत्पादकों को चिह्नित किया है। देशभर में फैले 1.6 लाख पोस्ट ऑफिसों में भी तिरंगा बिक्री करने को मुहैया कराया जा रहा है। ये तिरंगे साइज के हिसाब से 9 रुपये से लेकर 25 रुपये के बीच मिल सकेंगे। एक सवाल पर उन्होंने चीन से तिरंगा आयात करने संबंधी विपक्षी दलों के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि खादी का तिरंगा इतनी अधिक मात्रा में उपलब्ध कराना संभव नहीं है। इसलिए पॉलिएस्टर कपड़े की छूट दी गई है और देश में पॉलिएस्टर का उत्पादन इतना होता है कि दूसरे देशों को निर्यात किया जाता है। चीन से मंगाने की जरूरत ही नहीं है। उन्होंने कहा कि तिरंगा फहराने के बाद उसे सुरक्षित और उचित तरीके से रिसाइकिल करने को लेकर भी योजना बनाई गई है।
मुफ्त कोरोना वैक्सीन अभियान
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 75 दिनों का मुफ्त कोरोना वैक्सीन अभियान शुरू किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने चेताया कि दुनिया के तमाम देशों के साथ भारत में भी कोरोना वायरस के विभिन्न वैरिएंट मौजूद हैं। इससे वेफिक्र होने की नहीं, बल्कि सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में भी हर रोज करीब एक हजार मामले कोरोना के आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न चरणों में चले अभियान के वाबजूद देश में अभी भी एक बड़ी आबादी है, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक नहीं ली है। सात करोड़ लोगों ने पहली खुराक लेने के बाद दूसरी खुराक नहीं ली है। ऐसे ही 69 करोड़ लोगों को प्रीकॉशन डोज दिया जाना है। अग्रवाल ने बताया कि ‘हर घर दस्तक’ के 75 दिनों के कार्यक्रम के तहत ऐसे लोगों को वैक्सीन दिलाने का लक्ष्य है, जो किन्हीं कारणों से इससे वंचित हैं।