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Tuesday, February 11, 2025

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कब हुआ एबीजी शिपयार्ड से जुड़ा 22,842 करोड़ का फ्रॉड? किस बैंक को लगा कितना चूना और कौन है आरोपी?

न्यूज़ डेस्क: एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड से जुड़े देश के अब तक के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड ने आम जनता को झकझोर कर रख दिया है. एक दिन पहले ही केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने इस बैंक धोखाधड़ी के संबंध में लंबी जांच के बाद एफआईआर दर्ज किया. आरोप है कि करीब 22 हजार 842 करोड़ रुपए की गड़बड़ी हुई है और 28 बैंकों को चूना लगाया गया. इस मामले में सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. एबीजी शिपयार्ड एबीजी समूह की कंपनी है, जो जहाज निर्माण और जहाज की मरम्मत का कारोबार करती है. इसके शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं.

बैंकों के संघ ने की थी शिकायत

यह मुकदमा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले बैंकों के एक संघ से कथित रूप से 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के संबंध में दर्ज किया गया. बैंकों के संघ ने सबसे पहले आठ नवंबर 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा था. बैंकों के संघ ने उस साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज की और डेढ़ साल से अधिक समय तक जांच करने के बाद सीबीआई ने इस पर कार्रवाई की.

कब हुआ फ्रॉड

कंपनी को एसबीआई के साथ ही 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2468.51 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी थी. फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि वर्ष 2012-17 के बीच आरोपियों ने कथित रूप से मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें धन का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है. बैंकों ने भी आंतरिक जांच में पाया कि कंपनी अलग-अलग संस्थाओं को धन भेजकर बैंकों के संघ को धोखा दे रही थी.

किस पर दर्ज हुआ केस?

सीबीआई ने अग्रवाल के अलावा तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथुस्वामी, निदेशकों – अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी कथित रूप से आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए मुकदमा दर्ज किया. इन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा किया गया है.

किस बैंक को हुआ कितना नुकसान

आरोपियों ने शुरू में एसबीआई से 2,925 कर्ज लिया और उनका विश्वास जीत लिया. जिसके बाद वे बैंकों के एक संघ से ऋण लेने में सक्षम हुए. सीबीआई सूत्रों की मानें तो उन्होंने इंडियन ओवरसीज बैंक से 1,228 रुपये, पंजाब नेशनल बैंक से 1,244 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा से 1,614 करोड़ रुपये, आईसीआईसीआई बैंक से 7,089 करोड़ रुपये और आईडीबीआई बैंक से 3,634 करोड़ रुपये का कर्ज लिया, मगर चुकाया नहीं.

जल्द शुरू होगा एक्शन का सिलसिला

यह सीबीआई द्वारा दर्ज सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी का मामला है. इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए सीबीआई अधिकारियों की एक टीम बनाई गई. आने वाले दिनों में एबीजी शिपयार्ड के निदेशकों से पूछताछ की जाएगी. जबकि एबीजी ग्रुप के निदेशकों की गिरफ्तारी भी संभावना है.

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