न्यूज़ डेस्क: जनसंख्या नियंत्रण कानून को देशभर में लाने की कवायद शुरू हो गई है। इसको लेकर सत्ताधारी दल भाजपा सक्रियता के साथ पहल कर रही है। देश में कठोर जनसंख्या नीति लाने के लिए राज्यसभा में बिल पेश करने की तैयारी है। पार्टी के सांसद प्राईवेट मेंबर बिल पेश करने की तैयारी में हैं जिस पर 6 अगस्त को चर्चा हो सकती है। संभावना है कि इसी तारीख को इनमें से किसी एक बिल पर चर्चा हो। कोशिश यह भी की जा रही है कि लोकसभा में भी कुछ भाजपा सांसद ऐसा ही प्राइवेट मेंबर बिल पेश करें। सूत्रों के मुताबिक भाजपा सांसद राकेश सिन्हा 2019 में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक प्राइवेट मेंबर बिल लेकर आए थे। अब सरकार इस मुद्दे पर आगे बढ़ाना चाहती है। इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रदेश में जनसंख्या नीति घोषित कर चुके हैं।
भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा, डॉ. अनिल अग्रवाल और हरनाथ सिंह यादव संसद सत्र के दौरान प्राइवेट मेंबर बिल को लेकर पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर गए हैं। सांसद हरनाथ सिंह यादव का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर उन्होंने राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया है। उनके मुताबिक जनसंख्या नियंत्रण कानून में ऐसे प्रावधान रखे जाएं, जिससे कि लोगों को दो बच्चों से अधिक होने पर सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने से रोका जाए, चुनाव लडऩे पर रोक लगाई जाए और अगर नहीं मानते हैं तो कानूनी प्रावधान के तहत कार्रवाई की जाए।
हरनाथ सिंह यादव का कहना है इस कानून की जरूरत राज्य स्तर पर ही नहीं बल्कि केंद्रीय स्तर पर भी है और यह देश के 135 करोड़ लोगों पर लागू होना चाहिए। सांसद राकेश सिन्हा 2019 में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक प्राइवेट मेंबर बिल लेकर आए थे। उम्मीद की जा रही है कि सत्र में उस बिल पर चर्चा हो सकती है। राकेश सिन्हा का मानना है कि देश भर के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए, हालांकि उस कानून में ऐसा प्रावधान होना चाहिए कि कानून बनने के 18 महीने तक लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होगी और इस दौरान लोगों को समझाने का काम किया जाएगा।
18 महीने बाद अगर लोग नहीं मानते हैं तो फिर सरकारी योजनाओं को सीमित करना और चुनावी राजनीति से दूर करने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। उनका कहना है कि अगर अभी हमने हालात नियंत्रित नहीं किए तो 28-30 साल बाद ऐसे हालात होंगे कि संसाधनों की कमी होने लगेगी और जनसंख्या विस्फोट देश के लिए एक पड़ा हानिकारक कदम साबित होगा।
उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लाल किले से अपने भाषण में जनसंख्या नियंत्रण का जिक्र कर चुके हैं। राज्यसभा में भाजपा को बहुमत नहीं है। ऐसे में किसी भी भाजपा सदस्य को बिल पारित कराने के लिए अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी।