न्यूज़ डेस्क: देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से मौत के आंकड़ो लेकर अब सियासत गर्मा गई है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से मौत के मामलों की जांच के लिए कमेटी बनाई थी, जिसे उपराज्यपाल ने भंग कर दिया था।
सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार को ये मानना चाहिए कि अप्रैल से मई बीच में केंद्र की ओर से ऑक्सीजन का मिस मैनेजमेंट हुआ था। पूरे देश में केंद्र की गलती के कारण ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुई। दिल्ली में उस दौरान मैं ऑक्सीजन का मैनेजमेंट देख रहा था। ऑक्सीजन के लिए त्राही-त्राही हो रही थी।
केंद्र ने नहीं बनाने दी जांच कमेटी- सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन से हुई मौतों के मामलों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई थी। जो पीड़ित परिवारों को 5 लाख का मुआवजा भी देती और इसके लिए जिम्मेदारी भी तय करती। लेकिन केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल के जरिए इस काम में अड़ंगा लगाया और कमेटी भंग कर दी। क्योंकि ये जानते थे कि अगर जांच हुई तो इनकी गलती पकड़ी जाएगी।
Hon'ble Dy CM @msisodia addressing an important Press Conference | LIVE https://t.co/MFOGPdToji
— AAP (@AamAadmiParty) July 21, 2021
13 अप्रैल के बाद केंद्र के नीतियां बदलने का कारण हुई ऑक्सीजन की कमी
सिसोदिया ने कहा कि 13 अप्रैल के बाद केंद्र ने बंद कमरे में नीतियां बदली, जिसके कारण ये डिजास्टर हुआ और कल संसद में बेशर्मी से झूठ बोला कि पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई। आज बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अरविंद केजरीवाल और गैर बीजेपी प्रशासित राज्यों को कोस रहे हैं। इससे उनकी गलती नहीं छुपने वाली है। उनको इस बात की जिम्मेदारी लेनी होगी कि केंद्र ने 13 अप्रैल के बाद जो नीतियां बदली उसके कारण ऑक्सीजन के लिए देशभर में त्राहिमाम हुआ।
संसद में केंद्र ने बोला- नहीं हुई ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत
दरअसल स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक बयान दिया था कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ऑक्सीजन के अभाव में किसी की मौत की खबर नहीं मिली है। इस बयान पर जब विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू किया तो बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस पर स्पष्टिकरण देते हुए कहा कि किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी से मौत के आंकड़े केंद्र सरकार को दिए ही नहीं।
राज्यों ने नहीं दिए ऑक्सीजन से कमी के कारण हुई मौत के आंकड़े- संबित पात्रा
पत्रा ने कहा कि केंद्र कह रहा है कि स्वास्थ्य राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों का विषय है और हम केवल जो आंकड़े राज्य भेजते हैं उसे इकट्ठा करते हैं। केंद्र कह रहा है कि हमने एक गाइडलाइन जारी किया है जिसके आधार पर राज्य/केंद्रशासित प्रदेश अपने मौत के आंकड़ों को रिपोर्ट कर सकें। केंद्र कह रहा है कि किसी भी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई हो इस पर आंकड़ा नहीं भेजा। किसी ने भी नहीं कहा कि उनके राज्य में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत हुई है। इसलिए इसके आंकड़े नहीं हैं। क्या ये डेटा केंद्र ने बनाया? नहीं, राज्यों ने नहीं भेजा।