न्यूज़ डेस्क: संसद सत्र के पहले ही दिन सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही की शुरुआत के साथ ही विपक्ष ने हंगामा मचा दिया। हालत ये हो गई कि पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा में अपने मंत्रियों का परिचय भी नहीं करा सके। मोदी ने इस पर विपक्ष को बात-बात में आरक्षण और महिला विरोधी बताया। लोकसभा में कार्यवाही शुरू ही हुई थी कि विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। सदन में वे जोर-जोर से चीख रहे थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला लगातार सदस्यों से शांत होने की अपील करते रहे। पीएम मोदी को सबसे पहले नए बने मंत्रियों का परिचय सदन में करवाना था, लेकिन विपक्षी सदस्य शांत नहीं हुए। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
पीएम मोदी ने लोकसभा में विपक्ष के हंगामे पर कहा कि देश के कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा है कि अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े और महिलाएं इतनी बड़ी तादाद में मंत्री बनी हैं। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैंने अपने 24 साल के राजनीतिक जीवन में पहली बार देखा है कि प्रधानमंत्री को सदन में अपने मंत्रियों का परिचय देने से रोका गया। राजनाथ ने इसे बहुत दुखदायी और सदन की परंपरा के लिए गलत बताया। वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही भी हंगामे की वजह से स्थगित करनी पड़ी। वहां भी विपक्ष के सदस्य हंगामा मचाने लगे थे।
विपक्ष ने पहले ही तय किया था कि वो कोरोना महामारी की दूसरी लहर, कृषि कानून और वैक्सीन जैसे मुद्दे लेकर मोदी सरकार को घेरेगा। हालांकि, रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में पीएम ने साफ कह दिया था कि सरकार सार्थक चर्चा कराने के लिए तैयार है। इसके बावजूद लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने हंगामा बरपाया।