न्यूज़ डेस्क: कोरोना संक्रमण के दौरान उत्तर प्रदेश में त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव अंतर्गत आज पहले चरण का मतदान जारी है. सुबह 7.00 बजे से लोग पोलिंग बूथ पर आकर मतदान कर रहे हैं. इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की पूरी तैयारी है और 18 जिलों में मतदान शांतिपूर्ण हो रहा है. मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में भी पहले चरण अंतर्गत गुरुवार को मतदान हो रहा है.
गोरखपुर के मतदान केंद्र में पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में मतदान करने के लिए वनटांगिया गांव के एक मतदान केंद्र के बाहर काफी लम्बी लाइन में लगे वनटांगिया वर्ग के लोग विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव में मतदान करे चुके हैं, लेकिन इनको गांव की सरकार बनाने का पहली बार मौका मिला है. ये लोग इसका पूरा लाभ लेने के प्रयास में लगे हैं.
आपको बता दें कि इससे पूर्व वनटांगिया गांव के लोग पंचायत चुनाव में भाग नहीं लेते थें, लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका है कि वनटांगिया गांव के लोग अब गांव की छोटी सरकार अर्थात अपना प्रधान चुनेंगे.
वनटांगिया गांव और इसका इतिहास
वनटांगिया लोगों का इतिहास एक सदी पुराना है. 1920 के आसपास गोरखपुर और उसके आसपास के इलाकों में रेल की पटरियां बिछाने के लिए बड़े पैमाने पर अंग्रेजों ने जंगलों को कटवाएं. इसके बाद अंग्रेजों ने इन काटे गए जंगलों को फिर से उगाने, इनके संरक्षण के लिए और जो जगह खाली हैं इनपर खेती के लिए कुछ लोगों को यहां बसाया. गोरखपुर, महाराजगंज के अलावा बलरामपुर, गोंडा जैसे जिलों में वनटांगिया लोग रहते हैं.
म्यांमार के ‘टॉन्गया ट्राइब’ जो पद्धति जंगल तैयार करने के लिए इस्तेमाल करती थी. उसी तकनीक का इस्तेमाल यहां भी कराया जाने लगा और इसी नाम से ‘वनटांगिया’ शब्द बना, जिसका इस्तेमाल अबतक होता है.