न्यूज़ डेस्क: आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकी मोहसिन की गिरफ्तारी के बाद एनआईए को कई अहम बातों का पता चल रहा है। वह क्रिप्टोकरेंसी की मदद से सीरिया और अफगानिस्थान में बैठे आतंकियों को फंडिंग पहुंचा रहा था।
मोहसिन आईएसआईएस के कई व्हाट्सएप ग्रुप्स से भी जुड़ा हुआ था, और कोड वर्ड में बातचीत भी करता था। इसलिए एजेंसियों से बचने के लिए एप्स के जरिए बातचीत करता था जबकि जांच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मोहसिन कब आईएसआईएस से जुड़ा और कौन पैसे देकर उसकी मदद कर रहा था।
सोशल मीडिया पर कर रहा था आईएसआईएस का प्रचार
जानकारी के मुताबिक, एनआईए को जांच के दौरान एक व्यक्ति की सोशल मीडिया पर संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली थी। पता चला की यह सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर आईएसआईएस का ऑनलाइन प्रोपेगेंडा फैला रहा है। यह भी पता चला है की यह न सिर्फ पूरी तरह रेडिक्लाइज है बल्कि आईएसआईएस का सक्रिय सदस्य भी है।
एनआईए ने उसके खिलाफ 25 जून को केस दर्ज किया था। पुख्ता जानकारी के बाद एनआईए की टीम ने बाटला हाउस के जोगाबाइ एक्सटेंशन में छापा मारा यहां मूल रूप से बिहार के पटना के रहने वाले मोहसिन अहमद मकान की चौथी मंजिल पर किराए पर रह रहा था। टीम ने उसे पकड़ लिया और एनआईए ने तलाशी ली और बाद में उसे आईएसआईएस की ऑनलाइन और जमीनी गतिविधियों से जुड़े रहने के मामले में गिरफ्तार कर लिया।
छापेमारी के दौरान घर से कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। मोहसिन बीते 6 महीने से बटला हाउस इलाके में अपना ठिकाना बनाए हुए था। यहां उसके कुछ अन्य साथी भी उसके साथ रह रहे थे, लेकिन उन्हें इस बात की भनक नहीं थी कि मोहसिन देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है।