न्यूज़ डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना सांसद संजय राउत को मुंबई की एक चॉल के पुर्निवकास में कथित अनियमितताओं और उनकी पत्नी तथा सहयोगियों के वित्तीय लेनदेन से जुड़े धनशोधन के एक मामले में फिर से पूछताछ के लिए बुधवार को तलब किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
राज्यसभा सदस्य राउत उद्धव ठाकरे खेमे का हिस्सा हैं। राउत ने किसी भी अनियमितताओं से इनकार किया है और आरोप लगाया कि उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध के कारण निशाना बनाया जा रहा है। राउत को एजेंसी के मुंबई स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। इस मामले में एक जुलाई को राउत से पूछताछ की गई थी। जांच अधिकारियों ने राउत से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत उनका बयान दर्ज किया था।
राउत ने एजेंसी के कार्यालय से बाहर निकलते समय पत्रकारों से कहा था, ‘मैंने पूरा सहयोग दिया और उनके सभी सवालों का जवाब दिए। अगर वे मुझे बुलाएंगे तो मैं फिर हाजिर होऊंगा।’ राउत ने कहा था कि उन्हें कोई डर नहीं है, क्योंकि उन्होंने ‘जीवन में कुछ भी गलत नहीं किया।’
शिवसेना में बगावत के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है, जिसमें एक तरफ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और दूसरी तरफ वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच पार्टी के चुनाव चिह्न और संगठन के नियंत्रण को लेकर विवाद है।
प्रवर्तन निदेशालय ने अप्रैल में जांच के तहत राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनके दो सहयोगियों की 11.15 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया था।