न्यूज़ डेस्क: मणिपुर के नोनी जिले में एक रेलवे निर्माण स्थल पर हुए भूस्खलन में मरने वाले लोगों की संख्या शनिवार को बढ़कर 25 हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 38 लोग लापता हैं तथा तलाश एवं बचाव अभियान तेज करने के लिए और दलों को लाया गया है। मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने भूस्खलन का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘टुपुल के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में हालात अब भी गंभीर हैं। सुबह बारिश होने के कारण हमें मौसम खराब रहने की आशंका है। अभी तक 18 घायल और 25 शव मिले हैं।’’
अधिाकरियों ने बताया कि भूस्खलन के मलबे से इजाई नदी अवरुद्ध हो गयी है, जिससे बांध की तरह पानी भर गया है और आसपास के लोगों के लिए खतरा पैदा हो गया है। मलबे को हटाने और नदी के पानी के प्रवाह के लिए मशीनें लगाई जा रही हैं। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने गुवाहाटी में बताया कि घटनास्थल पर सेना, असम राइफल्स, प्रादेशिक सेना, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दल तलाश अभियान जारी रखे हुए हैं। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘वॉल रडार का सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है और सहायता के लिए एक खोजी कुत्ते को तैनात किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि अब तक प्रादेशिक सेना के 13 जवानों और पांच नागरिकों को सुरक्षित बचा लिया गया है। इसके अलावा प्रादेशिक सेना के 18 जवानों और छह नागरिकों के शव बरामद किए गए हैं। इंफाल में अधिकारियों ने बताया कि एक और शव बरामद किया गया है और अभी उसकी पहचान नहीं की गयी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘लापता हुए प्रादेशिक सेना के 12 जवानों और 26 नागरिकों की तलाश की जा रही है।’’
प्रवक्ता के मुताबिक, एक जूनियर कमीशंड अधिकारी सहित 14 जवानों के शव भारतीय वायुसेना के दो विमानों और सेना के एक हेलीकॉप्टर से उनके गृहनगर भेजे गए हैं। एक जवान का शव सड़क मार्ग से मणिपुर के कांगपोकपी जिले में भेजा गया है। प्रवक्ता ने बताया कि शवों को उनके गंतव्य स्थान तक भेजने से पहले इम्फाल में मृतक जवानों को पूरा सैन्य सम्मान दिया गया।