न्यूज़ डेस्क: महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम की चर्चा इस वक्त देशभर में है। लेकिन तमाम सियासी घटनाक्रमों के बीच बिहार में लालू के लाल ने एक बड़ा खेल कर दिया है। साल 2020 का विधानसभा चुनाव जब बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पांच विधानसभा सीटें जीतकर हर किसी को चौंका दिया था। वहीं जिसके बाद ओवैसी इस जीत से उत्साहित होकर बंगाल से लेकर यूपी तक में भाग्य आजमाने निकल पड़े लेकिन वहां उन्हें कुछ खास सफलता हाथ नहीं लगी। लेकिन बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के चार विधायक राजद में शामिल होंगे। ओवैसी की पार्टी के चार विधायकों के राजद में शामिल होने की पुष्टि खुद बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी की है।
गौरतलब है कि असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM मध्य प्रदेश में अगले साल 2023 में होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना बना रही है। जिसके लिए उसके मुखिया भोपाल में मौजूद हैं। औवेसी ने भोपाल में ये ऐलान किया कि कांग्रेस और बीजेपी के बाद प्रदेश में तीसरा विकल्प भी मौजूद रहेगा। लेकिन एमपी का तो पता नहीं हां. बिहार में उनकी संख्याबल में जरूर गिरावट हो गई।
बुधवार की दोपहर अचानक तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा के कमरे में एआईएमआई एम के 4 विधायकों के साथ पहुंचकर मुलाकात की। ओवैसी की पार्टी के चार विधायकों के शामिल होने के साथ ही राजद बिहार में बीजेपी को पीछे छोड़ राजद सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी. अब आरजेडी के विधानसभा में 79 विधायक होंगे तो वहीं बीजेपी 77 विधायकों के साथ दूसरे नम्बर की पार्टी होगी।