न्यूज़ डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को बड़ी राहत देते हुए अयोग्य ठहराए जाने वाले नोटिस पर जवाब देने के लिए 11 जुलाई शाम 5.30 बजे तक का समय दिया है। वहीं डिप्टी स्पीकर ने विधायकों को आज तक का ही समय दिया था। इस तरह शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने पर फिलहाल रोक लग गई है।
उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बागी विधायकों की याचिका पर सोमवार को सुनवाई शुरू की और पूछा कि उन्होंने इस मामले में बंबई उच्च न्यायालय का रुख क्यों नहीं किया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ को बागी विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एन के कौल ने बताया कि विधायक दल का उद्धव ठाकरे समूह ‘‘अल्पमत’’ में है और ‘‘राज्य की व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है।’
कौल ने कहा कि मुंबई में इन विधायकों के लिए माहौल अनुकूल नहीं है क्योंकि उन्हें धमकी दी गई है। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के नबाम रेबिया मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का हवाला दिया और कहा कि विधानसभा के उपाध्यक्ष को विधायकों की अयोग्यता मामले को आगे बढ़ाने का अधिकार नहीं हैं, क्योंकि खुद उन्हें हटाने की याचिका लंबित है।
कौल ने कहा कि 39 विधायक अल्पमत समूह के खिलाफ हैं। महाराष्ट्र के शिवसेना विधायक और मंत्री एकनाथ शिंदे ने उपाध्यक्ष द्वारा उन्हें और 15 अन्य बागी विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया, कार्रवाई को ‘अवैध और असंवैधानिक’ बताया तथा इस पर रोक लगाने का अनुरोध किया है।
महाराष्ट्र के शिवसेना विधायक और मंत्री एकनाथ शिंदे ने उपाध्यक्ष द्वारा उन्हें और 15 अन्य बागी विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख करते हुए कार्रवाई को ‘अवैध और असंवैधानिक’ बताया और इस पर रोक लगाने का अनुरोध किया। शिंदे और बड़ी संख्या में विधायकों ने 21 जून को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत की और वर्तमान में असम के गुवाहाटी में हैं।