न्यूज़ डेस्क: त्तराखंड समेत जिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए वहां कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। इसी के साथ ही अब पार्टी में इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर हार क्यों हुई? इसके साथ ही पार्टी में इस बात की भी चर्चा है कि हार का ठीकरा किसके सिर फोड़ा जाए। कांग्रेस के उत्तराखंड में बड़े नेता हैं हरीश रावत वो कैंपेन कमेटी के चेयरपर्सन भी रहे हैं। वो अपना चुनाव हार गए। लालकुंआ विधानसभा सीट से उन्हें 15 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा है। तीन दिनों तक वे चुप रहे लेकिन अब उनका दर्द सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि मैं तो चुनाव लड़ना ही नहीं चाहता था। पार्टी अगर नहीं कहती तो मैं चुनाव में जाता ही क्यों? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं भी चाहता हूं कि पार्टी मुझे सभी पदों से हटा दे।
बता दें कि हाल ही में हरीश रावत पर उन्हीं की पार्टी के नेता ने टिकट बेचने के आरोप लगाए थे। जिसके जवाब में हरीश रावत ने कहा कि वो आरोप-प्रत्यारोप में नहीं पड़ना चाहते हैं और वो चाहते हैं कि पार्टी उनको सभी पदों से हटा दें। गौरतलब है कि कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत ने हरीश रावत पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगा दिया। रंजीत रावत ने हरीश रावत को टिकटों में धांधली करने के साथ-साथ कई नेताओं के टिकटों के उलटफेर के भी आरोप लगाए थे।
रावत ने दी सफाई
टिकट बेचने के आरोपों पर सफाई देते हुए हरीश रावत ने कहा कि ये आरोप मुझ पर लगाया गया है। मैं भगवान से मैं प्रार्थना करता हूं कि मुझे पार्टी से निष्कासित कर दिया जाए। रावत ने कहा कि उन पर जो आरोप लगाए गए हैं वे बेहद गंभीर हैं और जो व्यक्ति इन आरोपों को प्रचारित और प्रसारित कर रहा है वो महत्वपूर्ण पद पर बैठा है।