न्यूज़ डेस्क: तृणमूल कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। खबरें हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के बीच अनबन चल रही है। इसी को लेकर ममता बनर्जी ने वरिष्ठ नेताओं की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक से पहले मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक ने स्पष्ट कर दिया कि बंगाल में ममता बनर्जी ही एकमात्र हमारी नेता हैं।
ज्योतिप्रिय मलिक ने कहा कि ममता बनर्जी के चेहरे पर चुनाव जीता है। ऐसे में जो भी फैसला होगा उस पर उनकी मुहर लगना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के अलावा हमारा कोई नेता नहीं है। इसके अलावा पार्टी में कोई दूसरा नेता मान्य नहीं है।
वहीं मदन मित्रा ने कहा कि उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से लिया गया जबकि उनका इरादा कभी भी वरिष्ठ नेताओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी मेरी सर्वोच्च नेता हैं। मैंने मीडिया में सुना है कि मुझे कारण बताओ नोटिस दिया जा सकता है लेकिन मुझे अभी तक पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों से कोई पत्र नहीं मिला है। अगर पार्टी मुझे नोटिस भेजती है तो मैं जवाब दूंगा। मदन मित्रा ने कहा कि अगर पार्टी उन्हें निष्कासित करती है तो वह एक अभिनेता के तौर पर टीएमसी के लिए काम करेंगे।
आपको बता दें कि टीएमसी के भीतर वरिष्ठ बनाम युवा की लड़ाई चल रही है। पार्टी ने एक व्यक्ति एक पद की मुहिम शुरू की है। इसको लेकर ही पार्टी में बगावती शुर उठने लगे हैं। हालांकि अभिषेक बनर्जी इस मुहिम का समर्थन कर रहे हैं। माना जा रहा है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कंपनी आई-पैक के साथ टीएमसी के नेताओं की तकरार चल रही है।
तृणमूल कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। खबरें हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के बीच अनबन चल रही है। इसी को लेकर ममता बनर्जी ने वरिष्ठ नेताओं की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक से पहले मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक ने स्पष्ट कर दिया कि बंगाल में ममता बनर्जी ही एकमात्र हमारी नेता हैं।
ज्योतिप्रिय मलिक ने कहा कि ममता बनर्जी के चेहरे पर चुनाव जीता है। ऐसे में जो भी फैसला होगा उस पर उनकी मुहर लगना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के अलावा हमारा कोई नेता नहीं है। इसके अलावा पार्टी में कोई दूसरा नेता मान्य नहीं है।
वहीं मदन मित्रा ने कहा कि उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से लिया गया जबकि उनका इरादा कभी भी वरिष्ठ नेताओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी मेरी सर्वोच्च नेता हैं। मैंने मीडिया में सुना है कि मुझे कारण बताओ नोटिस दिया जा सकता है लेकिन मुझे अभी तक पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों से कोई पत्र नहीं मिला है। अगर पार्टी मुझे नोटिस भेजती है तो मैं जवाब दूंगा। मदन मित्रा ने कहा कि अगर पार्टी उन्हें निष्कासित करती है तो वह एक अभिनेता के तौर पर टीएमसी के लिए काम करेंगे।
आपको बता दें कि टीएमसी के भीतर वरिष्ठ बनाम युवा की लड़ाई चल रही है। पार्टी ने एक व्यक्ति एक पद की मुहिम शुरू की है। इसको लेकर ही पार्टी में बगावती शुर उठने लगे हैं। हालांकि अभिषेक बनर्जी इस मुहिम का समर्थन कर रहे हैं। माना जा रहा है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कंपनी आई-पैक के साथ टीएमसी के नेताओं की तकरार चल रही है।