न्यूज़ डेस्क: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती को खरी-खरी बात कहने के लिए पहचाना जाता है। मायावती ने शनिवार को भी खरी बात कही और उनकी इस खरी बात का निशाना बनी कांग्रेस। कांग्रेस को किसान आंदोलन के नाम पर सियासत करने के लिए मायावती ने घेरा। अपने ट्विटर हैंडल पर मायावती ने लिखा, “पंजाब के कांग्रेसी सीएम द्वारा किसानों के आन्दोलन को लेकर विभिन्न आशंकाएं व्यक्त करते हुए पीएम को लिखा गया पत्र नए कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दे रहे किसानों के आन्दोलन को बदनाम करने की साजिश व उसकी आड़ में चुनावी राजनीति करना घोर अनुचित है।”
कांग्रेस को इतना ही खरी-खरी सुनाने के बाद मायावती नहीं रुकीं। उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, “सीमावर्ती राज्य पंजाब की सरकार को जिन भी चुनौतियों का सामना है उसके प्रति गंभीर होकर केन्द्र का सहयोग लेना तो अनुचित नहीं, लेकिन इसकी आड़ में किसानों के आन्दोलन को बदनाम करना व चुनावी स्वार्थ की राजनीति को जनता खूब समझती है। कांग्रेस को ऐसा करके कोई लाभ मिलने वाला नहीं है।”
आपको बता दें कि मायावती पर कांग्रेस हमेशा डोरे डालती रही है, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच रिश्ते कभी सहज नहीं रहे हैं। आखिरी बार मायावती को बेंगलुरु में एचडी कुमारस्वामी के सीएम पद के शपथ ग्रहण के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मंच शेयर करते देखा गया था। दोनों की सिर मिलाने वाली फोटो खूब वायरल हुई थी। इसके बाद राजस्थान में कांग्रेस ने जिस तरह बीएसपी के विधायकों को तोड़कर अपने साथ जोड़ लिया, उससे मायावती नाराज हो गईं।
बहरहाल, बीते कुछ अर्से से कांग्रेस भी मायावती पर हमलावर है। कांग्रेस उन्हें बीजेपी का साथी बताती है। मायावती ने इन आरोपों पर कभी कुछ नहीं कहा, लेकिन अब कांग्रेस को निशाने पर लेने वाले उनके दोनों ट्वीट कांग्रेस के आरोपों के जवाब माने जा सकते हैं।