न्यूज़ डेस्क: हैदराबाद राज्य के भैंसा (Bhainsa) में हुए दंगों पर पुलिस के निष्पक्ष रूप से काम करने की बात नॉर्थ जोन के आईजी नागिरेड्डी (IG Nagireddy) ने कही है और साफतौर पर कहा कि दंगे का प्रमुख कारण हिंदूवाहिनी के कार्यकर्ता ही हैं। वे मंगलवार शाम को डीजीपी कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि, भैंसा में झड़प इस महीने की 7 तारीख को रात 8.20 बजे शुरू हुई। इसमें मुख्य रूप से हिंदूवाहिनी के तोट महेश, दत्तु पटेल की ही गलती है, जिन्होंने बाइक से जाते हुए रिजवान और उसके दोस्तों समीर व मिराज को मारा था।
ऐसे बढ़ी हिंसा की वारदात
बताया जा रहा है कि बाइक से जा रहे महेश व पटेल ने पैदल चल रहे रिजवान और उसके दोस्तों समीर, मिराज के सिर पर पीछे से मारा दिया था। इसके बाद तीनों गुस्से में महेश की तलाश में गलियों में गए थे। इसके बाद इन तीनों पर दत्तु, महेश के साथ मिलकर राकेश और गोकुल ने हमला बोल दिया। हमले को देखकर तीनों युवक वहां से किसी तरह जान बचाकर भाग गए। इस घटना के कुछ देर बाद दत्तु शराब खरीदने के लिए बाइक पर जुल्फिकार मस्जिद क्षेत्र से निकल रहा था, तभी दूसरे समूह ने बदला लेने के लिए उस पर हमला किया और इसी तरह यह झड़प बढ़ गई।
मौके पर मकान निर्माण का काम चल रहा था और उसी के लिए ईंटें रखी हुईं थीं। इन्हें हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया और दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर हमला किया। वहां पर रमणा यादव नामक व्यक्ति ने कॉंस्टेबल पर हमला किया और ईंट उसके सिर पर दे मारी। आईजी ने बताया कि सूचना प्राप्त होते ही डीएसपी और सीआई ने मिलकर डेढ़ से दो घंटे में ही स्थिति पर नियंत्रण कर लिया।
आला अधिकारी मौके पर पहुंचे
इसके बाद तुरंत एसपी विष्णु वारियर और उनका स्टाफ, रामगुंडम सीपी सत्यनारायण, मंचिर्याल डीसीपी, एडिशनल एसपी अपने स्टाफ के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए। इन दंगों में 15 वें वार्ड पार्षद MIM पार्टी के अब्दुल करीम और उनके साथियों के साथ ही हिंदूवाहिनी के 8 वें वार्ड के पार्षद तोट विजय के लोगों ने हिस्सा लिया।
7 तारीख के बाद, 8 वीं, 9 वीं और 10 वीं तारीख को, पार्थी और महागाव भैंसा के उपनगर के दंगों में हिंदूवाहिनी के संतोष, क्रांति, लिंगोजी, बालाजी और जगदीश की प्रमुख भूमिका रही। संतोष ने हिंदूवाहिनी जिला अध्यक्ष के कहने पर ही हिंसा को भड़काया। लिंगोजी को इस तरह के दंगे करवाने में विशेषज्ञता हासिल है, पिछले दंगों में भी इसकी भूमिका रही है।
ये हैं वे परिस्थितियाँ जिनके कारण ये दंगे भड़के हैं। भैंसा में 500 पुलिसकर्मियों के साथ एसपी वारियर की निगरानी में लगातार गश्त के साथ 27 पिकेट स्थापित किए गए हैं। स्थिति की लगातार निगरानी करके भैंसा में शांति बहाल की गई है। तब से कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। जबसे संतोष व उसके साथियों को गिरफ्तार किया गया तबसे दंगे रुक गए।
26 मामले दर्ज किए गए 42 को गिरफ्तार किया गया
आईजी नागिरेड्डी ने कहा कि दंगों में दो पत्रकारों सहित कुल 12 नागरिक घायल हुए हैं। 13 दुकानें, 4 घर, 4 ऑटो, 6 चार पहिया वाहन, 5 दो पहिया वाहन जल गए। सभी में भैंसा के सीसीटीवी फुटेज, फोन कॉल और चश्मदीदों की गवाही जैसे तकनीकी विवरणों के आधार पर, इस घटना के संबंध में 26 मामले दर्ज किए गए हैं। अब तक कुल 42 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें 38 लोगों के साथ चार नाबालिग शामिल हैं। दंगों के दौरान लगभग 70 लोगों को सड़कों पर देखा गया था। पुलिस विभाग ने मामले को बहुत गंभीरता से लिया। रामगुंडम सीपी सत्यनारायण शांति और सुरक्षा के मामले की देखरेख कर रहे हैं, इस मामले की जांच का काम करीमनगर के सीपी कमलासनरेड्डी को सौंप दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि, हम पीडी मामलों को उन लोगों के खिलाफ दर्ज करेंगे जो इसी तरह की घटनाओं को दोहराते हैं। ऐसे में लोगों को संयम से काम लेना चाहिए। हम इन दंगों के अपराधियों को दंडित करवाने का काम करेंगे। हम पार्टी या संगठन की परवाह किए बिना घटना में शामिल किसी को भी गिरफ्तार करेंगे। पुलिस निष्पक्षता से काम कर रही है।
इन IPS के खिलाफ दर्ज हो हत्या का मुकदमा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंडी संजय ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और पुलिस ने भैंसा दंगों में एकतरफा कार्रवाई की है। उन्होंने मांग की कि घटना के संबंध में हिंदूवाहिनी कार्यकर्ताओं व निर्दोष हिंदू युवाओं को क्रूरतापूर्वक प्रताड़ित करने वाले IPS अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए।
वह मंगलवार को आदिलाबाद जिला जेल में हिंदूवाहिनी कार्यकर्ताओं से मिलने गए थे। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमलों के अपराधियों को रिहा कर दिया गया था और हिंदुओं की सुरक्षा के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था और क्रूरतापूर्वक उन पर अत्याचार किया गया। हिंदूवादी नेताओं संतोष, लिंगोजी और क्रांति (18) को कथित तौर पर पुलिस द्वारा पिटवाया गया। उन्होंने मांग की कि इस घटना को छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है इस पर तो न्यायिक जांच होनी चाहिए। बंडी संजय ने केसीआर की आलोचना करते हुए कहा कि वह हिंदुओं के विरोधी हैं और ऐसे सीएम हैं जिन्होंने किसी लड़की के बलात्कार पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
बंडी संजय ने कहा कि भैंसा को एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की कैद से बचा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि किसी भी राजनीतिक दल ने दंगों के बारे में कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की और न ही पीड़ितों का हाल जाना। पीड़ितों का हालचाल पूछने वालों में हिंदूवाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष राजवर्धन रेड्डी और भाजपा जिला अध्यक्ष शंकर शामिल थे।