न्यूज़ डेस्क: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर जनता को गुमराह कर सत्ता प्राप्ति में भारतीय जनता पार्टी की मदद करने का आरोप लगाया। गहलोत ने एक बार फिर कहा कि आरएसएस में अगर हिम्मत है तो वह खुद का भाजपा में विलय कर चुनाव मैदान में उतरे।
गहलोत ने यहां एक कार्यक्रम में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं किंतु उन्हें यह जानना चाहिए कि जब तक सूरज-चाँद रहेगा, कांग्रेस पार्टी का नाम रहेगा।’’ उन्होंने आगे कहा कि कि कांग्रेस पार्टी देश में विचारधारा की लड़ाई लड़ती है, ‘‘हमारी दुश्मनी न भाजपा से है, न आरएसएस से है। हमारी लड़ाई विचाराधारा की है।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘ये देश को गुमराह कर सत्ता में आए हुए लोग हैं क्योंकि धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर लोगों को भड़काने में दो मिनट लगते हैं। धर्म के नाम पर आग लगाना आसान है लेकिन बुझाना मुश्किल है। धर्म पर राजनीति करने वाली भाजपा सत्ता प्राप्ति का घमण्ड करती है जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जो अपने आप को सांस्कृतिक संगठन बताने का नाटक करता है, लेकिन समाज में लोगों को गुमराह कर भाजपा का समर्थन करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज सरकार भाजपा की नहीं है। वह तो विफल हो चुकी है और नाम मात्र की है। राज कौन कर रहा है, आरएसएस राज कर रहा है। तो खुले रूप में क्यों नहीं कहते आरएसएस का एक प्रचारक देश का प्रधानमंत्री है, यह क्यों नहीं कहते। भाजपा का कवच क्यों पहन रखा है इन लोगों ने।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘हिम्मत है तो आरएसएस, भाजपा में अपना विलय कर चुनाव लड़े जिससे दो विचारधाराओं का आमना-सामना हो सकेगा। आप छुपकर वार क्यों करते हैं, लोगों को गुमराह क्यों करते हैं। अभी आप अलग-अलग रूप दिखाकर देश को गुमराह करना चाहते हैं और सत्ता में आना चाहते हैं और आए हैं।’’ उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी प्रकरण में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की विपक्ष की मांग के मद्देनजर गहलोत ने कहा कि इस घटना से यह समझा जा सकता है कि देश किस दिशा में जा रहा है।