न्यूज़ डेस्क: साल 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले के आरोपी और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) टॉप कमांडर समीर डार को भी सुरक्षाबलों ने मार गिराया है. इसके साथ ही पुलवामा हमले का एकमात्र बचा आतंकी भी जहन्नुम पहुंच गया है. इससे पहले भी 31 जुलाई को मुठभेड़ में समीर डार के मारे जाने की खबर सामने आई थी. हालांकि बाद में पता चला कि एनकाउंटर में मारा गया आतंकी समीर नहीं बल्कि पाकिस्तानी था.
आईजीपी कश्मीर ने बताया कि 30 दिसंबर को अनंतनाग मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों में से एक की तस्वीर जैश के शीर्ष कमांडर समीर डार के साथ मेल खाती है, जो पुलवामा आतंकी हमले में शामिल अंतिम जीवित आतंकी था. डीएनए सैंपल का मिलान किया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी नागरिक सहित जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकी मारे गए और एक जवान शहीद हो गया. पुलिस और सुरक्षाबलों की एक संयुक्त टीम ने शाहाबाद दोरू इलाके को घेर लिया था और आतंकियों की मौजूदगी की विशेष सूचना के आधार पर तलाशी अभियान शुरू किया था. जैसे ही सुरक्षाबल उस स्थान पर पहुंचे, जहां आतंकी छिपे हुए थे, वे गोलीबारी की चपेट में आ गए, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई.
बता दें कि फरवरी 2019 को हुए कायराना हमले में सीआरपीएफ (केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल) के 40 जवान शहीद हो गए थे. पुलिस के अनुसार, समीर अहमद डार काकापोरा पुलवामा के गुंडीबाग का निवासी है और प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, समीर डार उर्फ हंजाला जिहादी ए प्लस श्रेणी का आतंकी था और घाटी में सक्रिय मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में भी शामिल था. वह 2019 के लेथपोरा फिदायीन हमले यानी पुलवामा आतंकी हमले में शामिल था और एनआईए की चार्जशीट में भी शामिल था. वह पुलिस व सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमलों में भी शामिल था, जिसमें सेना शिविर काकापोरा पर हमला, गुंडीबाग में गश्त दल और चिनार बाग और रेलवे काकापोरा में सीआरपीएफ के दो जवानों की हत्या शामिल थी, जिसके लिए उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. वह युवाओं को आतंकी गुटों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने और भर्ती करने और आतंकी रैंक में नए सदस्यों की तलाश करने के लिए उनका ब्रेनवॉश करने में भी प्रभावशाली था.