न्यूज़ डेस्क: बीजेपी ने यूपी में प्रचंड जीत दर्ज की है, लेकिन फिर भी वो रामपुर का मजबूत दुर्ग भेदने में कामयाब नहीं हो पाई। सीतापुर की जेल में बंद सपा सांसद आजम खान ने इस बार रामपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा। जहां पूरे प्रदेश में बीजेपी का चुनावी रथ पूरी रफ्तार के साथ दौड़ा वहीं रामपुर में उसके आगे आजम खान खड़े हो गए। आजम खान दसवीं बार विधायक चुने गए। लेकिन इसके साथ ही आजम खान को दो दिनों के भीतर दो खुशी हासिल हुई है। पहली चुनावी मैदान में फतह और दूसरी अदालती दरवाजे से आई है। लखनऊ हाई कोर्ट ने आजम खान और अन्य को एक मामले में जमानत दे दी है। कोर्ट ने आजम खान को जल निगम भर्ती घोटाला मामले में जमानत दी है। हालांकि वह एक अन्य मामले के चलते फिलहाल जेल में ही रहेंगे।
मानहानि केस में जमानत
इससे पहले एक अन्य मामले में बीते दिनों आजम खान को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत दी थी। रमेश सिन्हा की एकल बेंच ने आजम खान को जमानत देने का निर्देश दिया। आजम खान पर आईपीसी की धारा 505 (2) में चार्जशीट दाखिल हुई है। आजम खान के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में 1 फरवरी 2019 को ये केस दर्ज हुआ था।
जेल से आ सकते हैं बाहर
लखनऊ बेंच से आजम खान को जल निगम भर्ती घोटाले के मामले में जमानत मिल गई है। उनके खिलाफ एक और मामला लंबित है, जिस पर फैसला आना बाकी है। हालांकि विधायक के रूप में शपथ लेने के लिए उन्हें जमानत दी जा सकती है। पिछले साल असम की जेल में बंद एक्टिविस्ट अखिल गोगोई को विधायक की शपथ लेने के लिए जमानत दी गई थी।