न्यूज़ डेस्क: दो महीने बाद उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी की प्रतिष्ठा भी यूपी चुनाव को लेकर दांव पर है। यही कारण है कि पार्टी संगठन से लेकर केंद्र की सरकार भी यूपी में नतमस्तक है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन (13 और 14 दिसम्बर) के लिए अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में डेरा डालेंगे। वहीं पर सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों का जमघट भी लगेगा। वाराणसी से समूचा पूर्वांचल की रूपरेखा तय होगी। इनसबके बीच भारतीय जनता पार्टी हर वोटर और समाज के हर तबके तक पहुंचने का बड़ा टारगेट रखा है। इसके लिए भाजपा विशेष रथयात्रा निकालने जा रही है। रथा यात्रा के लिए 6 दिशाएं निर्धारित की गई हैं। ये यात्राएं अवध, काशी, गोरखपुर, बृज, पश्चिम और बुंदेलखंड क्षेत्र से निकाली जाएगी। इन 6 यात्राओं में बड़े नेता अगुवाई करेंगे। इन यात्राओं के जरिए सरकार की बड़ी योजनाओं को जनता को बताया जाएगा। यात्राओं के संचालन के लिए यात्रा संचालन कमेटी गठित की जाएगी। केंद्र के बड़े नेताओं, मंत्रियों एवं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी यात्रा करेंगे। अलग-अलग समय और जगह पर इन रथयात्राओं में केंद्र और प्रदेश सरकार के मंत्री भी शामिल होंगे।
सूत्रों की माने तो यूपी के अंबेडकर नगर से भाजपा रथ यात्रा निकालेगी। इसका श्रीगणेश 19 दिसंबर से किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा रथ यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। उसी दिन 5 अन्य जगहों से रथ यात्राएं निकलेंगी। 19 दिसंबर को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बिठूर से यात्रा रवाना करेंगे। रथ यात्रा उत्तर प्रदेश के हर जिले के बड़े शहरों एवं कस्बों से होकर गुजरेगी। गौरतलब है कि भाजपा इस बार भी चाहती है कि कार्यकर्ताओं के दम पर और जनता के आशीर्वाद से 300 से अधिक सीटों पर जीत हासिल किया जाए।
इस बीच उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर जमीन पर पकड़ मजबूत बनाने के लिए भाजपा ने अपने 100 सांसदों को अलग-अलग राज्यों की जिम्मेदारी दी है। पार्टी ने इन सभी 100 सांसदों को चुनाव तक राज्यों में अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाने को कहा है। यह बताया जा रहा है कि इन सभी 100 सांसदों को पार्टी ने संसद के शीतकालीन सत्र के बचे हुए दिनों के लिए सदन में मौजूद नहीं रहने की भी छूट दे दी है। सूत्रों के अनुसार इसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदन के सांसद शामिल है। संसद का शीतकालीन सत्र अभी चल रहा है और इसका समापन 23 दिसंबर को होना है, लेकिन भाजपा के ये 100 सांसद अब सोमवार से संसद नहीं आएंगे। वैसे तो ज्यादातर सांसदों को उनके पड़ोसी राज्य की ही जिम्मेदारी दी गई है लेकिन इसके साथ ही क्षेत्र विशेष के जातीय और अन्य समीकरणों का भी ध्यान रखा गया है।
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 403 सीटों के महत्व को देखते हुए इसे कई हिस्सों में बांटकर अलग-अलग राज्यों के सांसदों को क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है। पार्टी ने बिहार के सांसदों को पूर्वाचल के सभी जिलों में जुटने का निर्देश दिया है । इसी प्रकार दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के सांसदों को पंजाब में लगाया जाएगा। साथ ही दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के कुछ सांसदों को उत्तराखंड जाने का भी निर्देश दिया गया है। महाराष्ट्र के सांसदों को गोवा और मणिपुर में दोबारा जीत हासिल कर सरकार बनाने के लिए असम और उत्तर-पूर्व के अन्य राज्यों के सांसदों को तैनात किया गया है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश के सांसदों को बुंदेलखंड एवं आसपास के जिलों में तैनात किया जाएगा।