न्यूज़ डेस्क: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए 26 नक्सलियों में माओवादी सरगना मिलिंद तेलतुंबडे भी शामिल है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि शनिवार को सी-60 पुलिस कमांडो दल ने सुबह कोर्ची के र्मिदनटोला वन क्षेत्र में तलाश अभियान शुरू किया था, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई। मुठभेड़ के बाद सी-60 कमांडो ने घटनास्थल से 26 नक्सलियों के शव बरामद किए और माना जा रहा था कि इस मुठभेड़ में तेलतुंबडे भी मारा गया है।
बहुचर्चित भीमाकोरेगांव माओवादी मामले में वह आरोपी था। राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की ‘तेलतुंबडे मारे गए नक्सलियों में शामिल है।’ गढचिरौली के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) संदीप पाटिल ने रविवार को कहा कि शीर्ष नक्सल सरगना मिलिंद तेलतुंबडे का मारा जाना महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) क्षेत्र में गैर कानूनी माओवादी आंदोलन के लिए ‘बड़ा झटका’ है।
पाटिल ने कहा कि तेलतुंबडे वह प्रमुख व्यक्ति था जिसने पिछले 20 वर्षों में नक्सलवाद को गति दी और इसे महाराष्ट्र में खड़ा किया। अधिकारी ने दावा किया, ‘वह इस आंदोलन का एकमात्र भविष्य था और महाराष्ट्र में कोई दूसरा नेता नहीं था।’
पाटिल ने कहा, ‘नक्सल आंदोलन में उसके योगदान और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के कुछ हिस्सों और शहरी क्षेत्रों में उसके प्रभाव को देखते हुए, वे एक बहुत ही महत्वपूर्ण कैडर था और हम बहुत लंबे समय से उसकी तलाश कर रहे थे।’ तेलतुंबडे माओवादियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य था और एल्गार परिषद-माओवादी मामले में आरोपी था।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उसके सिर पर 50 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबडे का भाई है। आनंद को भी एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में पहले गिरफ्तार कर लिया गया था और वह नवी मुम्बई की तलोजा जेल में बंद है। डीआईजी ने कहा, ‘यह एमएमसी क्षेत्र में उनके लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि वह इसका प्रमुख प्रभारी था।’
मिलिंद तेलतुंबडे के ‘शहरी नक्सल’ (अर्बन नक्सल) आंदोलन के साथ गहरे संबंध के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि वह एक ऐसा कैडर था, जिनका शहरी और जंगल- आधारित माओवाद से मजबूत संबंध था। उन्होंने कहा कि मिलिंद तेलतुंबडे अपनी पत्नी एंजेला सोंताके के साथ महाराष्ट्र में एक ‘शहरी नेटवर्क’ चलाता था। एल्गार परिषद मामले में, एनआईए की ओर से दायर आरोप पत्र के मुताबिक, मिलिंद तेलतुंबडे को ‘खतरनाक माओवादी बताया है और उसे फरार बताया है। उसे प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) का ‘ऑपरेटिव’ बताया गया है।