न्यूज़ डेस्क: कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीनों में बड़े घोटाले का आरोप लगाते हुए पूरे प्रकरण की उच्चतम न्यायालय से जांच की मांग की है। कांग्रेस नेता ने मंदिर ट्रस्ट के पैसे का दुरुपयोग का आरोप लगाया और शीर्ष अदालत से इसका स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की नैतिक जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी लेनी चाहिए। इस मामले में प्रदेश सरकार की ओर से राजस्व सचिव को पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है।
प्रियंका ने वीरवार को दिल्ली में एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए देश के तकरीबन हर परिवार ने चंदा दिया है। उस पैसे से कौडिय़ों की जमीन करोड़ों में खरीद कर लोगों की आस्था को चोट पहुंचाई जा रही है। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए जमीनों के हुए कुछ सौदों के दस्तावेज जारी करते हुए कहा कि दलितों की जमीन खरीदी गई है जो कानून के तहत खरीदी नहीं जा सकती। एक तरह से दलितों की जमीन हड़पी गई है। जमीन को राम मंदिर ट्रस्ट को बहुत अधिक दाम पर बेची गई जो बहुत बड़े घोटाले की ओर इशारा करता है।
प्रियंका ने कुछ भूखंडों के कथित सौदों से संबंधित दस्तावेज जारी करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा के नेता और अधिकारी जमीन की लूट में संलिप्त हैं। राम मंदिर ट्रस्ट के पैसे का दुरुपयोग भाजपा, आरएसएस के नेताओं तथा अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवान राम मर्यादा और नैतिकता के प्रतीक हैं। भाजपा भगवान के नाम पर भी भ्रष्टाचार कर रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जांच आदेश महज दिखावा है। सरकार जिला अधिकारी के स्तर पर इस मामले की जांच करा रही है। प्रियंका ने कहा कि पूरे मामले की नैतिक जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक जाती है।
इस मौके पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के नाम पर सारी मान-मर्यादा को ताक पर रख भाजपा नेताओं, उनके मित्रों व राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के नुमाइंदों द्वारा चंदे की लूट की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह खेल मोदी-आदित्यनाथ सरकारों की सरपरस्ती में खेला जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि 2 करोड़ रुपये की जमीन को राममंदिर निर्माण ट्रस्ट को 26.50 करोड़ रुपये में बेचा गया, क्या इससे बड़ा मंदिर की चंदा चोरी का कोई सबूत हो सकता है!
सरकार ने दिया जांच का आदेश
राज्य सरकार ने भाजपा नेताओं और सरकारी अधिकारियों के रिश्तेदारों द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के पास कथित तौर पर जमीन हड़पने की खबरों की जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले पर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व विभाग को मामले की गहनता से जांच करने का आदेश दिया है।