न्यूज़ डेस्क: बृहद मुम्बई नगर निगम (बीएमसी) का चुनाव भाजपा के लिए आन की लड़ाई बन चुका है। इसलिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह स्वयं रणनीतिकार की भूमिका में फिर से सक्रिय हैं। शाह रविवार को ही दो दिन की यात्रा पर मुम्बई पहुंच गए थे। उनकी नजर ‘मिशन मुम्बई 150 प्लस’ पर है। उनकी कोशिश उद्धव ठाकरे की शिवसेना को मुम्बई में धूल चटाने की है।
नजदीकी सूत्रों का कहना है कि भाजपा 2019 के चुनाव के विधानसभा चुनावों के बाद से ही उद्धव ठाकरे से खफा है। इससे पिछला कार्यकाल भाजपा और शिवसेना ने मिलकर पूरे पांच साल महाराष्ट्र में सरकार चलाई थी। 2019 का लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव भी मिलकर लड़ा।
ठाकरे का कहना है कि विधानसभा चुनाव के लिए सत्ता में बराबरी की भागेदारी और ढाई-ढाई साल बाद मुख्यमंत्री और मंत्री बदलने का वादा शाह की ओर से ही किया गया था। मगर नतीजे आने के बाद अलग मोलभाव शुरू हुआ। दूसरी ओर भाजपा ठाकरे के दावे को नकारती है।
भाजपा मुख्यमंत्री का पद छोड़ना नहीं चाहती थी। इसलिए दोनों में अलगाव हुआ। ढाई साल बाद भाजपा ने शिवसेना में फूट डालकर महा विकास अघाड़ी की सरकार गिराकर सत्ता में वापसी की। अब राज्य में एकनाथ शिंदे की सरकार है।
शिवसेना के 55 विधायक और 18 सांसद थे। इनमें से अब सिर्फ 15 विधायक और 6 सांसद ही ठाकरे के साथ हैं। इस तरह से भाजपा ठाकरे को सबसे बड़ा झटका तो पहले ही दे चुकी है।
ठाकरे कर सकते हैं भरपाई
भाजपा ऐसा मानती है कि जब तक ठाकरे को बीएमसी से नहीं उखाड़ा जाएगा तब तक राजनीतिक बदला पूरा नहीं होगा। अगर ठाकरे की शिवसेना देश की आर्थिक राजधानी बीएमसी पर कब्जा बरकरार रखती है तो वह राजनीतिक नुकसान की भरपाई कर लेगी।
ठाकरे का राजनीतिक आधार मजबूत हो सकता है। इसलिए सोमवार को पार्टी नेताओं, कोर्पोरेटर्स और निर्वाचित सदस्यों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि बीएमसी चुनाव के लिए जमीन पर जाकर दूने उत्साह से काम करे। कहने को तो अमित शाह गणेशोत्सव में हिस्सा लेने आए हैं।
वह बांद्रा बेस्ट में सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल के लालबाग के राजा के दर्शन के लिए भी गए, मगर उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश भी दिया। कार्यकर्ताओं के लिए उनका एक ही मंत्र था, जब तक बीएमसी चुनाव जीतकर ठाकरे को सबक नहीं सिखाते, तब तक आराम से नहीं बैठना।
जो किसी ने नहीं किया वह करना है…रणनीति तैयार
भाजपा ने बीएमसी चुनाव में सभी 227 सीटों में से 150 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इतनी सीटें कभी किसी पार्टी ने यहां नहीं जीती हैं। 2017 के चुनाव में शिवसेना ने 84, भाजपा ने 82 और कांग्रेस ने 22 तथा एनसीपी ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा का आंतरिक सर्वे बताता है कि पार्टी 100 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है।
पिछले चुनाव में पार्टी जहां 500 से 2000 वोटों के अंतर से हारी थी ऐसी 30-35 सीटों पर जीत की कहानी लिखी जा सकती है। शिंदे की शिवसेना साथ आने से 40 से 45 और सीटों पर पार्टी कड़ी टक्कर देकर उनमें से अधिकांश को जीत सकती है।
भाजपा की पूरी रणनीति तैयार है। मुम्बई का नेतृत्व भाजपा ने अशीश शेलार को सौंपा है। बांद्रा ब्वॉय के नाम से जाने जाते शेलार दो बार मुम्बई भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी 33 सीटों से 82 सीट पर पहुंची। पार्टी का मानना है कि वह ठाकरे को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।