न्यूज़ डेस्क: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। राहुल, प्रियंका और कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने ‘वीर भूमि’ जाकर पूर्व प्रधानमंत्री की समाधि पर श्रद्धा- सुमन अर्पित किए। इस मौके पर प्रियंका के पति रॉबर्ट वाद्रा भी मौजूद थे।
राहुल ने अपने पिता को याद करते हुए ट्वीट किया, पापा, आप हर पल मेरे साथ, मेरे दिल में हैं। मैं हमेशा प्रयास करूंगा कि आपने देश के लिए जो सपना देखा, उसे पूरा कर सकूं।’ उन्होंने आगे कहा, मेरे पिता श्री राजीव गांधी ने 21वीं सदी के भारत का रोडमैप देश के सामने रखा था। एक ऐसा भारत, जिसमें युवाओं की ताकत, गांवों की शक्ति, महिलाओं की क्षमता, नयी प्रौद्योगिकी के प्रयोग को अभिव्यक्ति मिले।’
वहीं, प्रियंका ने देश के विकास में अपने पिता के योगदान को याद किया। उन्होंने फेसबुक पर जारी पोस्ट में कहा, सूचना क्रांति, संचार क्रांति, पंचायती राज, 18 वर्ष में मतदान का अधिकार जैसे कदम इसी अभिव्यक्ति को मजबूती देने के कदम थे। पिताजी का सपना 21वीं सदी में भारत को सबसे ऊंचे पायदान पर पहुंचाने का था। उन्होंने उस सपने को लेकर दिन- रात काम किया और भारत को एक नयी दिशा दी।’
प्रियंका ने कहा, हमारा रास्ता चुनौतियों से भरा जरूर है। लेकिन, आज राजीव गांधी जी की जयंती पर हम सबको भारत को सबसे ऊंचे पायदान पर ले जाने के सपने को पूरा करने के संकल्प को दोहराना होगा।’ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री राजीव गांधी को उनकी 78वीं जयंती पर शत- शत नमन। राजीव गांधी ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) की क्षमता और महत्व को समझकर लगभग तीन दशक पहले देश में आईटी के गौरवशाली युग की नींव रखी।’
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 21वीं सदी के भारत के स्वप्नदृष्टा पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न राजीव गांधी जी की जयंती पर हम सब उन्हें कोटि- कोटि नमन करते हैं। भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभालकर अपने कार्यों से उन्होंने देश को सशक्त किया। देश उनके योगदान का सदैव ऋणी रहेगा।’ कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी राजीव गांधी और देश के विकास में उनके योगदान को याद किया।
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर 1984 से 1989 तक भारत का नेतृत्व किया। वर्ष 1991 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक उग्रवादी हमले में उनकी हत्या कर दी गई थी।