बड़हलगंज: भगवान प्रेम के भूखे है भगवान भी उसे ही प्रेम करते है जो उनसे अगाध प्रेम करता है। ईश्वर सभी प्राणियों में वास करते है इसलिए समस्त जीवों से मनुष्य को प्रेम करना चाहिए और यह ज्ञान सत्संग से प्राप्त होगा। सत्संग की महिमा महान है वह दुःख घटाता है और पापों को कम करने के साथ ही जीवन को सुधारता है।
उक्त बातें गोला विकास खंड के देवकली(कुड़वाआम) में स्थित पृथ्वीनाथ शिवमन्दिर परिसर में चल रही रामकथा श्रवण मास के शनिवार को दूसरे दिन अयोध्या से पधारे मानस मर्मज्ञ आचार्य विनोद जी महाराज ने व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए कही। उन्होंने कहा कि भगवान में मनुष्यों को अबोध बालक की तरह विश्वास करना चाहिए जिस तरह मां अपने बच्चे के रोने पर उसे खुश करने के लिए हवा में उछाल देती है और बच्चा खिल – खिला कर हंस देता है क्योंकि उसे अपने मां पर पूरा भरोसा होता है कि मां गोद में ले लेगी। इसी प्रकार भक्त को भगवान के चरणों में सब कुछ समर्पित कर देना चाहिए जिससे उसका कर्म सुरक्षित हो जाय।
इसके पूर्व कथा का शुभारंभ पूर्व प्रधान श्याम देव यादव ने व्यास पीठ की आरती करके की। अंत में आयोजक श्याम मुरारी यादव ने सभी श्रद्धालुओं का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर रमनवल दुबे, ब्रहमानंद दुबे, राम हंश सिंह, धरणीधर दुबे,राम सहाय दुबे, चंद्रिका यादव, प्रभाकर दुबे,संजय दुबे, राकेश दुबे, हरिओम दुबे, भागीरथी यादव, देवेन्द्र दुबे, मोहन दुबे, झिनकू यादव, दिलीप यादव, रोहित मिश्र, अनिल यादव, प्रशांत यादव, विक्रम यादव, अजय जायसवाल आदि श्रद्धालु उपस्थिति रहे।