न्यूज़ डेस्क: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बृहस्पतिवार को पत्र लिखकर आशंका जतायी कि अगर राज्य में टीकों की सप्लाई नहीं बढ़ाई गई तो कोविड की स्थिति गंभीर रूप ले सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य का आबादी घनत्व बहुत अधिक होने के बावजूद उसे टीकों की बहुत कम खुराकें’’ मिल रही हैं और प्रधानमंत्री से टीकों की सप्लाई बढ़ाने की अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य को सभी पात्र लोगों को टीका लगाने के लिए कोविड टीकों की करीब 14 करोड़ खुराकों की जरूरत है।
बनर्जी ने पत्र में लिखा, ‘वर्तमान में, हम हर दिन चार लाख टीके दे रहे हैं और 11 लाख खुराकें हर दिन देने की क्षमता है। फिर भी, आबादी घनत्व अधिक होने और शहरीकरण की दर ज्यादा होने के बावजूद हमें बहुत कम खुराकें मिल रही हैं।’’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री को इसी मामले पर पहले भी कई पत्र भेजे गए लेकिन केंद्र द्वारा इस पर उचित ध्यान नहीं दिया गया’’। बनर्जी ने कहा, ‘मुझे कहते हुए खेद है कि केंद्र सरकार अन्य राज्यों को बड़ी मात्रा में टीके की खराकें दे रही है। मुझे दूसरे राज्यों को टीके की ज्यादा खुराकें दिए जाने से कोई समस्या नहीं है लेकिन मैं बंगाल को वंचित रखे जाने पर मूकदर्शक नहीं बनी रह सकती हूं।’’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य के निरंतर प्रयासों के कारण कोविड-19 संक्रमण दर घटकर 1.57 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने पत्र में कहा, ‘ इसलिए, आप से मेरी अपील है कि बंगाल को उसकी आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त टीके की खुराक मिले।’’ स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि बुधवार तक, बंगाल में करीब 3.09 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका था।
9.5 लाख किसानों को पीएम किसान योजना से बाहर करने पर सवाल
पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिख कर प्रदेश के साढ़े नौ लाख किसानों को पीएम किसान योजना के लाभान्वितों की सूची से बाहर किये जाने पर सवाल उठाया है । प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी। इस योजना के तहत केंद्र सरकार लाभान्वितों के बैंक खाते में सलाना छह हजार रुपये भेजती है जो तीन बराबर किश्तों में दिया जाता है। अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के किसानों को इस लाभ से वंचित किये जाने से चिंतित है।
प्रदेश प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें यह समझ नहीं आता राज्य से इतनी बड़ी संख्या में किसानों को इस योजना के लाभान्वितों की सूची से बाहर क्यों कर दिया गया है। हमने केंद्र सरकार को पत्र लिख कर इस मामले में पर ङ्क्षचता जतायी है ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार की ओर से किसी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से ऐसा हुआ है । हम नहीं चाहते हैं कि हमारे किसान इससे प्रभावित हों और इसके लाभ से वंचित हों ।’’ उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने इसके लिये 44.8 लाख लाभान्वितों का नाम भेजा था लेकिन जिसमें से 9.5 लाख लोगों को छोड़ दिया गया है।