न्यूज़ डेस्क: केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने गुरुवार को कहा कि उन्हें आशंका है कि सरकार इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए उनकी जासूसी करवा रही है। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, यह एक अनैतिक सरकार है। हमें अंदेशा है कि हमारे नंबर उन लोगों की सूची में शामिल हैं, जिनकी जासूसी करायी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया, जासूसी के पीछे सरकार है। यह स्पष्ट है और यह मुद्दा जोर पकड़ रहा है। हम जानते हैं कि वे हम पर भी नजर रख रहे हैं। स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान नेताओं के फोन नंबर साल 2020-21 के आंकड़ों में मिलेंगे। यादव ने पीटीआई-भाषा से कहा, जब यह आंकड़ा सार्वजनिक होगा, निश्चित तौर पर हमारे नंबर भी मिलेंगे।
सांसदों को अपनी मांगें उठाने के लिए पत्र लिखा
यादव ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान सरकार को यह दिखाने के लिए जंतर मंतर पर आए हैं कि किसान मूर्ख नहीं हैं। ब्रिटेन की संसद में किसानों के मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन भारत की संसद में नहीं। यादव ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर बहस के लिए जोर दिया। किसान नेता हन्नान मुल्ला ने कहा कि उन्होंने सभी सांसदों को अपनी मांगें उठाने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन आरोप लगाया कि संसद उनके मुद्दों को नहीं उठा रही है। संसद के मॉनसून सत्र के दौरान केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए 200 किसानों का एक समूह बृहस्पतिवार को मध्य दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचा।
पुलिस ने मध्य दिल्ली के चारों ओर सुरक्षा का घेरा बनाकर रखा है और वाहनों की आवाजाही की कड़ी निगरानी की जा रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने नौ अगस्त तक संसद परिसर से कुछ मीटर दूर जंतर-मंतर पर अधिकतम 200 किसानों को प्रदर्शन की विशेष अनुमति दी है।
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन
बता दें कि वीरवार सुबह दस बजे से मानसून सत्र समाप्त होने तक संसद के कामकाजी दिन के दौरान 200 किसानों की टुकड़ी जंतर मंतर पर पहुंचकर सरकार के विरोध में अपनी किसान संसद आयोजित करेगी। इसके लिए जंतर-मंतर पर तैयारी भी की जा रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि पांच बसों में वे सुबह जंतर मंतर के लिए रवाना होंगे और पूरे दिन, संसद के कामकाज के दौरान विरोध स्वरूप किसान संसद का आयोजन करेंगे।
मोर्चा नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि संसद विरोध मार्च में शामिल होने के लिए किसानों के जत्थे दिल्ली पहुंच चुके हैं और कर्नाटक, तमिलनाडु और अन्य दूर के राज्यों से भी किसानों की टुकड़ी पहुंच रही हैं। हर दिन अधिक से अधिक किसान विरोध स्थलों पर पहुंच रहे हैं और बीकेयू चदूनी के नेतृत्व में किसानों का एक बड़ा दल यमुनानगर से रवाना हुआ। इसी तरह की लामबंदी अन्य विरोध स्थलों पर भी हो रही है।