बड़हलगंज : भारतीय परंपरा में भगवा ध्वज त्याग, बलिदान, शौर्य व निश्कलंकता का प्रतीक है। यह हमारे उन पूर्वजों की याद दिलाता है। जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा व सम्मान के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया इसलिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भगवाध्वज को अपना मार्गदर्शक गुरू स्वीकार किया है।
ये बातें गोरक्ष प्रांत के विभाग पालक रवि जी ने कही। वे रविवार को मुक्तिपथ सभागार में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा आयोजित गुरू दक्षिणा कार्यक्रम में उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होनें कहा कि गुरू दक्षिणा कार्यक्रम अपने बलिदानी पूर्वजों के त्याग, शौर्य व स्वाभिमान के प्रतीक भगवाध्वज के सामने अपना सम्मान प्रकट करने की परंपरा है। जो हमारी भारतीय परंपरा सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया की परिकल्पना को लेकर किया जाता है। पूर्व मंत्री राजेश त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे समर्पण अभियानों से राष्ट्र और.समाज.भक्ति का वातावरण तैयार होता है । संघ की शाखाओं में देशभक्त तैयार किये जाते हैं।
अध्यक्षता पूर्व शिक्षक भगवान यादव संचालन सत्यम जायसवाल व गणगीत शुभम दुबे ने किया। सुखदेव मिश्र, रामदेव वर्मा, महेश उमर, श्रीकांत सोनी, रामबेलास यादव, राजीव पांडेय, चंदन पांडेय, अखंड शाही, गंगा सोनी, कृष्णकुमार गौड़, प्रशांत शाही, बालचंद सोनकर, बनवारी प्रसाद, विनय तिवारी, राजकुमार जायसवाल, शिवाजी सिंह, सागर शाही, संजय दुबे, राजकपूर सिंह, डा. बृजभूषण मिश्र, अष्टभुजा सिंह, अरविंद सिंह, आनंद त्रिपाठी, रविशंकर सिंह, दुर्गेश मिश्र, प्रदीप सिंह, रवींद्र राय, मंजू सैंथवार, अंगद निषाद मौजूद रहे।