न्यूज़ डेस्क: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इसकी मतगणना 2 मई को होनी है। ऐसे में इस प्रक्रिया को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें मतगणना पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इस याचिका पर शनिवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मतगणना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। बता दें कि शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सख्त हिदायत दी कि, जहां वोटों की गिनती होनी है, उन केंद्रों पर सख्त कर्फ्यू लागू हो। गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पंचायत चुनाव की मतगणना कराने की इजाजत दे दी है। हालांकि इस दौरान जीत के बाद जश्न पर रोक लगा दिया है। अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमने राज्य चुनाव आयोग की ओर से प्रोटोकॉल संबंधी बातों को नोट किया है। हम इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने की जरूरत नहीं समझते हैं।
कोर्ट ने अपने आदेश में सख्ती के साथ कहा है कि, मतगणना केंद्रों को लेकर जो प्रोटोकॉल हमारे सामने रखे गये हैं, उनका पूरी तरह पालन हो। मतगणना केंद्र के बाहर सख्त कर्फ्यू हो और कोई विजय रैली न निकाली जाए। वहीं हर मतगणना केंद्र पर एंटीजन टेस्ट का इंतजाम रहेगा। मतगणना केंद्र पर सैनिटाइजेशन का भी ध्यान रखा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से यह भी कहा कि आपको पहले स्थिति का आकलन करना होगा, इस संबंध में आपको बड़े स्तर पर निर्णय लेना होगा। इसपर राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि यूपी ने गणना के साथ आगे बढ़ने का निर्णय ले लिया है। प्रदेश सरकार ने भरोसा दिलाया है कि, जमीनी स्तर पर इन सभी फैसलों का सख्ती से पालन किया जाएगा। इससे पहले राज्य चुनाव आयोग से कोर्ट ने पूछा कि क्या मतों की गिनती कराना जरूरी है?, अगर इसे तीन हफ्ते टाल दिया गया तो आसमान नहीं टूट पड़ेग? इस पर आयोग की ओर से कहा गया कि मेडिकल एक्सपर्ट से बात करने के बाद काउंटिंग को कराने का फैसला लिया गया है।