सहजनवां: पिपरौली बाजार गीडा से सटा हुआ है, यहां रोजगार के साथ ही अन्य कई विधाओं में कई अवसर है। पिपरौली बाजार आज भी कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। पिपरौली को आज भी समुचित विकास की दरकार है। पूर्व के प्रधानों ने पिपरौली के विकास पर बिल्कुल ध्यान नही दिया, उन्होंने अपना तो खूब विकास किया, जनता का हक मारकर करोडों की संपत्ति तैयार की, लेकिन जनता को ठगने का काम किया है। लेकिन अब ऐसा नही होगा, पिपरौली की जनता को उनका हक मिलेगा। यहां की गलियां, मन्दिर-मस्जिद, चौराहें आदि विकास के नये आयाम में शामिल होंगे।
उक्त बातें पिपरौली के प्रधान पद के प्रत्याशी आकाश गुप्ता उर्फ आशू ने सक्षम न्यूज इंडिया के एक साक्षात्कार में कही। आकाश गुप्ता ने कहा कि मेरा सपना है कि पिपरौली को मैं पीएम मोदी के सपनो वाले मॉडल सिटी की तरह मॉडल गांव में तब्दील करु। पिपरौली के चौराहे, मन्दिर-मस्जिद सीसीटीवी से लैस हों, यहां की गलियां सोलर लाइट से रोशन हो, ग्रामसभा के स्कूल दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तरह संचालित हो, शादियों में यहां की जनता को बाहर होटल ना बुक करना पड़े इसके लिए उच्च गुणवत्ता व सुविधाओं से लैस बारात घर का निर्माण हो, हिन्दू-मुस्लिम एकता द्वार के साथ ही हरिजन बस्ती में संविधान निर्माता बाबा साहब आम्बेडकर की मूर्ति की स्थापना के साथ ही प्रत्येक सप्ताह नालियों की साफ-सफाई, फागिंग आदि की व्यवस्था मेरा लक्ष्य है। मेरा लक्ष्य है कि पिपरौली ग्राम सभा अंतर्गत आने वाले सभी खड़ंजे इंटरलॉकिंग सड़क में तब्दील हो जाये, और यह सब तभी सम्भव है जब जनता जाति-धर्म और किसी के बहकावे में न आकर सही व्यक्ति को प्रधान पद के लिए अपना चयन करेगी।
आकाश ने कहा कि पिपरौली में मन्दिर के समीप प्राचीन पोखरा है, जिसपर किसी प्रधान ने ध्यान नहीं दिया। यहां भी अपार संभावनाएं हैं। अगर मन्दिर व पोखरे का सुन्दरीकरण करा दिया जाये तो यहां पर्यटन के साथ ही फिल्मों की शूटिंग भी हो सकती है, जिससे पिपरौली बाजार का नाम तेजी से उभरेगा। पूर्व के प्रधानों ने अगर इन तथ्यों पर ध्यान दिया होता तो पिपरौली आज जिले के ऊपरी पटल पर अपना नाम रोशन करता। उन्होंने कहा कि आज भी पिपरौली के अधिकतर लोगों के राशन कार्ड नही बने हैं। आज भी बहुत से लोगों को विधवा व वृद्धा पेंशन की दरकार है। आकाश गुप्ता का कहना है कि जिस प्रकार से परिवार में एक मुखिया होता है जो पूरे घर को लेकर चलता है, ठीक उसी प्रकार प्रधान भी गांव का मुखिया होता है, जिसके ऊपर पूरे गांव-समाज को आगे लेकर चलने की जिम्मेदारी होती है, लेकिन विगत के प्रधानों ने अपनी जिम्मेदारी का सही निर्वहन नही किया, यही कारण है कि आज पिपरौली में न सड़के सही है, न नालियां। विगत के प्रधानों ने चुनाव जीतकर जनता के पैसों से अपना बैंक बैलेंस व संपत्ति तैयार की। लेकिन जनता इस बार उनके बहकावे में नही आने वाली, अब जनता जागरूक हो गई है।
गौरतलब है कि गुरुवार को पिपरौली में भी पहले चरण में पंचायत चुनाव अंतर्गत वोटिंग होनी है। प्रधान पद के लिए यहां कुल आठ प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। स्थानीय राजनैतिक चाणक्यों की माने तो यहां मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है। लेकिन क्षेत्र में आकाश गुप्ता की चर्चा सबसे अधिक है। युवा व शिक्षित हों की वजह से युवाओं के साथ ही अन्य पढ़े-लिखे लोग इस नाम की चर्चा अधिक कर रहें हैं। स्थानीय एक मतदाता की माने तो युवाओं का चुनावी लोकतंत्र में आना अच्छा सन्देश है।