न्यूज़ डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि घुसपैठ के पीछे ‘तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति’ जिम्मेदार है। राज्य के आदिवासी जंगलमहल इलाके में यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ टीएमसी ने दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को कभी अपना नहीं माना और ये वर्ग राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के ‘तोलाबाजी’ (वसूली) से सबसे ज्यादा पीड़ित हैं। उन्होंने ममता सरकार पर माओवादी विद्रोहियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘घुसपैठ का केवल एक और सबसे अहम कारण दीदी की सरकार की तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति है।’ मोदी ने कहा कि दो मई को बनर्जी का ‘खेल खत्म’ हो जाएगा और विकास शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि दो मई को विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना होगी।
टीएमसी प्रमुख पर एक खास वर्ग के लोगों का वोट बैंक की राजनीति के लिए तुष्टीकरण करने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा, ‘बंगाल के लोगों की याददाश्त तेज है। बंगाल को याद है कि किसने सेना पर तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप लगाया था और पुलवामा हमले तथा बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान आपने किसका पक्ष लिया था।’
प्रधानमंत्री ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के दौरान भी किए कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर टीएमसी सरकार को घेरा। टीएमसी सरकार द्वारा केंद्र की कुछ योजनाओं को लागू न किए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) में यकीन रखते हैं जबकि टीएमसी दलाली लेने (ट्रांसफर माय कमीशन) में यकीन रखती है।’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘टीएमसी ने बंगाल में माओवादियों की एक नयी नस्ल तैयार की जिसने जनता का पैसा लूटा, वो पैसा जो गरीब लोगों के लिए था। दीदी की सरकार ने माओवादी हिंसा को संरक्षण दिया।’
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि वाम और टीएमसी सरकारों ने पुरुलिया के औद्योगिक विकास को नजरअंदाज किया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘टीएमसी सरकार ने पुरुलिया को केवल जल संकट, जबरन पलायन और भेदभाव भरा प्रशासन दिया है।’