दो अक्तूबर को आज देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 116वीं जयंती है। उनकी सादगी अपने आप में मिसाल है। ईमानदारी और स्वाभिमानी छवि की वजह से आज भी उन्हें बहुत सम्मान के साथ याद किया जाता है।लाल बहादुर शास्त्री, वो नाम है जिसने पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर मारा था। उनके ही कार्यकाल में भारतीय फौज ने पाकिस्तान को जंग का करारा जवाब दिया और लाहौर तक पर अपना झंडा लहराया था। इसके अलावा वो इतने नेकदिल इंसान भी थे कि बाद में जीती हुई सारी भूमि पाकिस्तान को वापस कर दी थी।
इस मौके पर नेशनल अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शस्त्री की 116वीं जयंती पर उनकी स्मृति को नमन किया और कहा हरित क्रांति व श्वेत क्रांति में मूलभूत भूमिका और युद्धकाल में सुदृढ़ नेतृत्व के लिए सभी देशवासी उन्हें श्रद्धापूर्वक याद करते है। उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा दिया। जब देश को भीषण अकाल का सामना करना पड़ा पड़ा तब उनके कहने पर ही देश के लोगों ने एक दिन का उपवास रखना शुरू किया था। उनके कहने पर लोगों ने पाकिस्तान से हुए युद्ध के लिए दिल खोलकर दान दिया था। सार्वजनिक जीवन में उनके जैसी ईमानदारी बहुत ही कम देखने को मिलती है। आधुनिक भारत के इतिहास उनका पूरा जीवन सादगी और ईमानदारी की मिसाल रहा है।