भारतीय वायुसेना की ताकत बना राफेल लड़ाकू विमान अब दुश्मन को चुनौती देने के लिए तैयार है. जल्द ही वायुसेना के राफेल स्क्वाड्रन में महिला फायटर पायलट की एंट्री हो सकती है.
भारतीय वायुसेना को हाल ही में मिले राफेल लड़ाकू विमान की जिम्मेदारी संभालने वाली स्क्वाड्रन में जल्द ही एक महिला फाइटर पायलट की एंट्री हो सकती है. राफेल को वायुसेना की 17वीं स्क्वाड्रन में शामिल किया गया है, इसमें शामिल करने के लिए अब वायुसेना की दस महिला फाइटर पायलट को ट्रेनिंग दी जा रही है, जिसमें से एक महिला पायलट का चयन संभव है.
इसी महीने अंबाला में राफेल लड़ाकू विमानों को वायुसेना में शामिल किया गया. इसके बाद इन विमानों ने लद्दाख के आसमान में भी उड़ान भरी है, अभी ये पहली खेप ही भारत पहुंची है वहीं 2021 तक सभी 36 विमान भारत आ जाएंगे.
जिन महिला पायलटों को राफेल उड़ाने का मौका मिल सकता है, वो अभी मिग-21 पर तैनात हैं. राफेल वाली स्क्वाड्रन में आने के लिए एक ट्रेनिंग को पूरा करना पड़ता है, उसके बाद बोलचाल के लिए ट्रेनिंग होती है जिसका इस्तेमाल राफेल उड़ाने के लिए होगा. क्योंकि मिग उड़ाने से सीधे राफेल उड़ाने में काफी बदलाव होते हैं, इसके लिए ये प्रक्रिया लंबी है.
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वायुसेना में शामिल दस महिला फायटर पायलट लगातार कई लड़ाकू विमानों को उड़ा रही हैं. 2016 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनी चतुर्वेदी, फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना, फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहना सिंह शुरुआती फाइटर पायलट बनी थीं.
इस बारे में पिछले हफ्ते ही रक्षा मंत्रालय ने संसद में बयान दिया था. कहा गया था कि महिला फाइटर पायलट को वायुसेना में जरूरत और रणनीति के हिसाब से शामिल किया जा रहा है, इनमें वक्त पर बदलाव भी हो रहे हैं.
आपको बता दें कि मौजूदा वक्त में वायुसेना के पास करीब 300 लड़ाकू पायलटों की कमी है, वायुसेना में कुल जरूरत 4231 पायलटों की है. शुरुआती वक्त में महिला पायलटों की संख्या काफी कम है, लेकिन वक्त के साथ-साथ इसमें बढ़ोतरी भी हो रही है.