कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ऐसे वक्त में झूठ बोल रहे हैं जब देश कोरोना से जंग लड़ रहा है और चीन हमारी सीमा में घुसा जा रहा है.
कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन बिल को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है. कांग्रेस भी इस बिल को लेकर केंद्र सरकार का विरोध कर रही है. भारी विरोध के बावजूद केंद्र सरकार अपने कदम को पीछे खींचने के मूड में नहीं है. शुक्रवार को बिहार को कई परियोजनाओं की सौगात देने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि बिल का जिक्र किया और कहा कि कुछ दल किसानों को भ्रमित कर रहे हैं. इन अध्यादेशों से किसानों को बहुत फायदा मिलेगा. वहीं कांग्रेस पार्टी से निष्कासित नेता संजय झा ने पार्टी को 2019 लोकसभा चुनाव के मेनिफेस्टो की याद दिलाई है और कहा है कि किसानों को लेकर दोनों पार्टी का स्टैंड एक ही है.
संजय झा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘मित्रों, हमारे कांग्रेस के 2019 के घोषणापत्र में हमने खुद ही एपीएमसी एक्ट को खत्म करने और किसानों को दलालों के चंगुल से आजाद कराने का वादा किया था. आज मोदी सरकार ने किसान बिल के जरिए वही किया है. किसानों के मुद्दे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक ही पेज पर हैं.’
कृषि बिल के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को संसद भवन के बाहर मीडिया को संबोधित किया. मीडिया संबोधन में कांग्रेस नेताओं ने कृषि विधेयक को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला और इसे किसान विरोधी बताया. मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति को किसान और देश को भ्रमित नहीं करना चाहिए. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ऐसे वक्त में झूठ बोल रहे हैं जब देश कोरोना से जंग लड़ रहा है और चीन हमारी सीमा में घुसा जा रहा है.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सवाल किया कि मोदी सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) क्यों खत्म कर रही है? प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री दोनों बोल रहे हैं कि एमएसपी आगे भी जारी रहेगा, लेकिन जब मंडियां खत्म हो जाएंगी तो एमएसपी कौन देगा. क्या एफसीआई किसानों को खेत में जाकर एमएसपी देगी?
बता दें, कांग्रेस ने भी 2019 के लिए जारी किए गए मेनिफेस्टो में कृषि उपज विपणन समिति (APMC) कानून को हटाने और कृषि उत्पाद को बाधा मुक्त बनाने की बात कही थी. एनडीए सरकार ने भी कानून में उसी तरह का बदलाव किया है. इसलिए किसानों के मुद्दे पर दोनों दलों के विचार एक जैसे ही हैं.
किसानों से जुड़े तीन विधेयकों को लेकर संसद से सड़क तक बवाल मचा है. कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020, कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020, आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 को गुरुवार को लोकसभा में पारित किया गया है. सरकार ने पांच जून 2020 को ही अध्यादेश जारी किए थे, यह तीनों विधेयक उन संबंधित अध्यादेशों की जगह लेंगे.
कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक के द्वारा सरकार ने कृषि पैदावार को किसानों को किसी भी राज्य में बेचने और मार्केटिंग करने का अधिकार दे दिया है. पहले किसान अपने राज्य की APMC मंडियों में ही इसे बेच पाते थे. सरकार का तर्क है कि इससे किसानों को अपनी उपज का बेहतर दाम मिलेगा और कृषि उत्पादों की इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग हो पाएगी.