नई दिल्ली : नेशनल अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट ने आज शिक्षा नीति के लिए अपने विचार रखते हुए कहा नई शिक्षा नीति 2020 का समर्थन करने वाले सभी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज , मंत्री ,सांसद विधायक, नौकरशाह ,व अंधभक्त अपने परिवारों से कारीगर बनाने का शपथ पत्र दाखिल करें दोस्तों भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्री निशंक व पूर्व मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर जी ने बड़े ही जोश से 31 अक्टूबर नई शिक्षा नीति 2020 को घोषणा करते हुए तारीफ के पुल बांधे थे और लॉर्ड मैकाले को कोसने में कोई कसर नहीं छोड़ी इस शिक्षा नीति से संघ की मानसिकता यह है कि जो पूर्व में जिसका जो पेसा था उस का परिवार वही काम करें उनको दलित, ओबीसी समाज से अच्छे डॉक्टर इंजीनियर ,वकील ,प्रोफेसर, डीएम, एसपी, तहसीलदार बनना गवारा नहीं हो रहा है इसलिए वह उनके संवैधानिक अधिकार आरक्षण को खत्म करने के लिए निजी करण व ठेकेदारी के बल पूर्वक लागू किया जा रहा है वह नहीं चाहते हैं कि देश में सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक समरसता बरकरार रहते हुए देश विकास करें देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी इससे अछूते नहीं हैं जिस जिसके कारण देश नई शिक्षा नीति बलपूर्वक लागू करने की तैयारी है मोदी जी तथाकथित पिछले समाज से तेली जाति के होने के बावजूद और संघ के इशारे पर लागू करवा रहे हैं उनकी तो पीएम की कुर्सी बरकरार रहे चाहे उन से पूरा देश बेचवा लों इस धरती पर मानव जीवन ही ऐसा जीव है जिसका बच्चा जन्म लेते ही अगर उसको उसके मां बाप की छाती से लगाया जाए तो वह मां का दूध नहीं पी पाएगा जबकि गाय भैंस बकरी जैसे जानवरों का बच्चा अपने आप मां का दूध स्वत: ही पीने लगता है वह अपने मां की छाती ढूंढ लेता है यह जीवन का प्रैक्टिकल सत्य है कहने का मतलब मनुष्य के बच्चे को जैसा सिखाया जाएगा वही वह सीखेगा जिस माहौल में पाला जाएगा वह उसी रूप में विकसित होगा अब नई शिक्षा नीति 2020 में 10+२ के स्थान पर 5 +3+3 लागू किया जा रहा है जिसमें 6टवी से ही बच्चे को कारीगरी सिखाया जाएगा ऐसा नहीं कि जब बच्चे का मन करेगा तब ही करवाया जाएगा यह उम्र बच्चों को बैठने की होती है इसलिए इन पर ध्यान देने की जरूरत होती है प्रश्न उठता है कि क्या यही शिक्षा नीति कॉन्वेंट स्कूलों में भी लागू किया जाएगा क्या वहां पर छठवीं से कारीगरी सिखाया जाएगा क्या गोयंका स्कूल में लोहार, कुमार, राज मिस्त्री, रंगरेज, मोची ,नाली साफ ,करने वाले पैदा किए जाएंगे अगर नहीं तो क्यों सरकारी स्कूलों के माध्यम से गरीब परिवार के बच्चों के भविष्य को क्यों बिगाड़ा जा रहा है क्या संविधान ने उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा पाकर बड़े-बड़े डॉक्टर ,इंजीनियर, वकील, डीएम, एसपी ,बनने का इजाजत नहीं देता है जिनको टेक्निकल काम करना होगा उनके लिए आई टी आई तो बनाया गया है जो अच्छी पढ़ाई नहीं कर पाते वह बच्चे खुद आई टी आई करके कहीं जॉब करते ही हैं लेकिन शुरू से ही बच्चों को कारीगरी के पीछे धकेलना कहां का न्याय है अगर यह शिक्षा नीति बहुत अच्छी है तो सभी हाई कोर्ट ,सुप्रीम कोर्ट, के जज सभी विधायक ,सांसद, विधायक मंत्री ,नौकरशाह वर्तमान गवर्नर मोहन भागवत जैसे लोग वह सभी अंध भक्तों को भी देश को एक शपथपत्र दें कि अपने परिवार से एक-एक कारीगर यानी बढ़ाई ,लोहार ,राजगीर, मिस्त्री ,कुमार ,पनवाड़ी, बनाएंगे बनाएंगे जब यह लोग नहीं ऐसा कर सकते तो अन्य गरीब के बच्चों को ऐसा बनने के लिए क्यों मजबूर किया जाएगा