किसानों और खेती से जुड़े 3 बिल अब रविवार को राज्यसभा में पेश किए जाएंगे. इन बिलों को लेकर विपक्ष, किसान, संगठनों के विरोध के बीच मोदी सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह किसी दबाव में झुकने वाली नहीं है.
किसानों और खेती से जुड़े 3 बिल अब रविवार को राज्यसभा में पेश किए जाएंगे. इन बिलों को लेकर विपक्ष, किसान संगठनों के विरोध के बीच मोदी सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह किसी दबाव में झुकने वाली नहीं है. हालांकि सरकार ने राज्यसभा में होने वाली बहस से पहले कई विपक्षी
दलों से संपर्क भी किया है.
सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एनडीए की ओर झुकाव रखने वाली पार्टियों से भी बात कर रहे हैं. शुक्रवार को बीजेपी ने चंडीगढ़ में जननायक जनता पार्टी यानी जेजेपी नेताओं से बात की है और इस बात के संकेत मिले हैं कि जेजेपी इस बिल पर सरकार का समर्थन करेगी.
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सहित विपक्ष पार्टियां इन बिलों को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का दबाव बनाने की योजना पर काम कर रही हैं. गौरतलब है कि कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक, 2020 और कृषक कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 गुरुवार को निचले सदन यानी लोकसभा में पास कर दिए गए हैं.
इन बिलों के पास होने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण पल है. ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे’.
वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मौसम और बाजार के उतार-चढ़ाव का किसानों पर पड़ने वाले असर से किसान अब सुरक्षित होंगे. किसानों के लिए नई संभावनाओं और नई आशाओं के द्वार खोल दिए हैं और अब उनकी समृद्धि का मार्ग खुलेगा. वहीं इन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर जताई जा रही आशंकाओं के बीच कृषि मंत्री ने कहा कि गेहूं का एमएसपी वर्ष 2014-15 के 1400 रुपये प्रति क्विंटल मुकाबले वर्ष 2020-21 में बढ़कर 1925 रुपये हो गया है, जो लगभग 37.5% की वृद्धि को दर्शाता है.