भारत की एक प्रमुख साइंटिस्ट ने कहा है कि देश को 2021 में कोरोना वायरस की वैक्सीन मिल सकती है. लेकिन तमिलनाडु के वेल्लोर के क्रिस्चन मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी की प्रोफेसर और विश्व स्वास्थ्य संगठन की ग्लोबल एडवाइजरी कमेटी ऑन वैक्सीन सेफ्टी की सदस्य गगनदीप कांग ने वैक्सीनेशन को लेकर चिंता भी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि 1.3 अरब लोगों को सुरक्षित तरीके से वैक्सीन देना देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी.
प्रोफेसर गगनदीप कांग जुलाई 2020 तक भारत सरकार की एक कमेटी में भी शामिल थीं जो देश में वैक्सीन तैयार करने के रास्ते तलाश रही थी.
bloomberg.com में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोफेसर गगनदीप कांग ने कहा है कि बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं के अलावा अन्य लोगों के वैक्सिनेशन के लिए भारत के पास स्थानीय स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है.
प्रोफेसर गगनदीप कांग ने कहा कि साल के आखिर तक हमारे पास यह डेटा होगा कि कौन सी वैक्सीन काम कर रही है और कौन सी सबसे बढ़िया है. अगर अच्छे रिजल्ट मिलते हैं तो 2021 की पहली छमाही में हमारे पास कुछ मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध होगी और दूसरी छमाही में बड़ी मात्रा में.
माइक्रोबायोलॉजी की प्रोफेसर ने कहा कि हमारे पास बुजुर्ग लोग और खासकर हाई रिस्क कैटगरी के लोगों को वैक्सीन देने के लिए स्ट्रक्चर नहीं है. सभी उम्र के लोगों को वैक्सीन देने के लिए सिस्टम तैयार करना चुनौतीपूर्ण काम होगा
वहीं, प्रोफेसर ने भारत में टेस्टिंग की रणनीति पर भी चिंता जताई.
उन्होंने कहा कि कई जगहों पर एंटीजेन और आरटी-पीसीआर टेस्ट की अदलाबदली करके लोगों की जांच की जा रही है.
यह समझ नहीं आता. उन्होंने कहा कि अगर हमें विभिन्न राज्यों की टेस्टिंग रणनीति पता ही नहीं होगी तो यह कहना मुश्किल होगा कि जिस रफ्तार से केस बढ़ रहे हैं, क्या उसमें और अधिक तेजी आने वाली है.