महाराष्ट्र भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां कोरोना के 10 लाख से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं. इनमें से 2.7 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं, 28,724 लोगों की मौत हो चुकी है. पांच महीने पहले 40 वर्षीय भाग्यश्री जाधव, पुणे नगर निगम अस्पताल में एक फ्रंटलाइन कोविड कार्यकर्ता के रूप में शामिल हुई थीं. तब उन्हें नहीं पता था कि जिस जिले के लिए वे अथक मेहनत कर रही हैं, वह भारत का सबसे बड़ा कोरोना हॉटस्पॉट बन जाएगा, और उनका राज्य दुनिया के सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक बन जाएगा. शुक्रवार, 11 सितंबर को महाराष्ट्र में 24,886 नए केस दर्ज किए गए. राज्य में अब तक कुल 10,15,681 केस हो चुके हैं.
इसके साथ ही महाराष्ट्र भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां कोरोना के 10 लाख से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं. इनमें से 2.7 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं, 28,724 लोगों की मौत हो चुकी है और 7.15 लाख से ज्यादा कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं. अगर महाराष्ट्र एक देश होता, तो आज यह दुनिया का पांचवां सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देश होता.
पीएमसी अस्पताल के ‘कोविड वॉर जोन’ में बेड, ऑक्सीजन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था देखने वाली भाग्यश्री बढ़ते केसों के लिए लोगों के लापरवाह रवैये को जिम्मेदार ठहराती हैं.
इंडिया टुडे से बात करते हुए उन्होंने शिकायती लहजे में कहा, “बहुत से लोग प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं. वे सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन नहीं करते और मास्क पहनने से बचते हैं. उन्हें लगता है कि जिंदगी फिर से सामान्य हो गई है, लेकिन ऐसा नहीं है. पिछले पांच महीनों में मैंने बहुत मेहनत की है और कभी अपने चेहरे से मास्क नहीं हटाया; मैं अब तक सुरक्षित हूं. कंटेनमेंट जोन में काम करने के बाद हम घर लौटते हैं, नहाकर भाप लेते हैं और सभी जरूरी सुरक्षा निर्देशों का पालन करते हैं. बाकी लोग भी ऐसा क्यों नहीं कर सकते?”