उत्तर प्रदेश सरकार के स्कॉलरशिप पर रोक लगाने का दावा पूरी तरह फर्जी है. किसी भी सरकारी वेबसाइट या अधिकारी ने इस बात की पुष्टि नहीं की है.
महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है. कुछ ऐसे सर्वे आए हैं जो कहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं. बढ़ती बेरोजगारी और सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में सुस्ती को लेकर देश के युवा लगातार सरकार का विरोध कर रहे हैं. पांच सितंबर को देश के कई हिस्सों में छात्रों ने थाली बजाकर विरोध प्रकट किया था.
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है जिसने उत्तर प्रदेश के लाखों स्टूडेंट्स को चिंता में डाल दिया है. इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि इस साल बजट की कमी के चलते उत्तर प्रदेश के छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी. इस दावे के साथ लोग एबीपी न्यूज चैनल का एक स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं.
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल हो रहा स्क्रीनशॉट फर्जी है. उत्तर प्रदेश में स्कॉलरशिप पर रोक लगने की बात भी निराधार है.
वायरल स्क्रीनशॉट के साथ एक यूजर ने कैप्शन लिखा है, “छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी लेकिन लखनऊ में भव्य कार्यशाला का शिलान्यास जरूर होगा और मंदिर बहुत बड़ा बनेगा चाहे देश के अंदर भीखमंगा पैदा क्यों न हो जाय. हमेशा पिछड़ों, अति पिछड़ों को सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.”
एक यूजर ने ऐसे ही एक पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा, “इन्हें छात्रों और युवाओं से क्या मतलब!”. एक अन्य यूजर का कमेंट था, “अनपढ़ रहेगा इंडिया तो सवाल भी नही करेगा इंडिया”. फेसबुक पर यह दावा काफी वायरल है. ऐसे ही कुछ पोस्ट यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं. वॉट्सएप पर भी काफी लोग इसे शेयर कर रहे हैं. बहुत सारे छात्र इस दावे को लेकर निराशा और असमंजस की स्थिति में हैं.
क्या है वायरल स्क्रीनशॉट का सच
हमने वायरल स्क्रीनशॉट की तुलना एबीपी न्यूज चैनल के यूट्यूब चैनल पर मौजूद वीडियोज से की. हमने पाया कि स्क्रीनशॉट में लिखी खबर का फॉन्ट, चैनल का लोगो और खबर के अंत में चार बिंदियां लगाने का स्टाइल एबीपी न्यूज के वीडियोज से मेल नहीं खाता.